- दरभंगा में घरेलू यात्री टर्मिनलों व अन्य निर्माण कार्यों पर 120 करोड़ का बजटीय प्रावधान
- राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी के सवाल पर नागर विमानन मंत्री ने दी जानकारी
पटना. बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने जानना चाहा है कि बिहार के दरभंगा एयरपोर्ट का नामकरण विद्यापति एयरपोर्ट करने की अनुशंसा पर केंद्र सरकार का क्या निर्णय है ? नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने बताया कि दरभंगा एयरपोर्ट का नामकरण 'विद्यापति' के नाम पर करने का राज्य सरकार का प्रस्ताव प्रक्रियाधीन है और शीघ्र ही निर्णय लेकर उसका नामकरण कर दिया जाएगा. मंत्री ने एक सवाल के जवाब में बताया कि दरभंगा हवाई अड्डा एक रक्षा हवाई अड्डा है जहां भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा सिविल इन्क्लेव विकसित किया गया है. वहां घरेलू यात्री टर्मिनलों व अन्य निर्माण कार्यों के लिए लगभग 120 करोड़ रु.का बजटीय प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि दरभंगा हवाईअड्डे पर पर्यटकों सहित आगमन एवं प्रस्थान का औसत लगभग 84,000 यात्री प्रति महीने है. क्षेत्रीय सम्पर्क योजना ( उड़ान) के अंतर्गत दरभंगा एयरपोर्ट को अब तक 7 शहरों पहले बैंगलुरु,मुम्बई एवं दिल्ली तथा बाद में कोलकाता, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे से जोड़ा जा चुका है. वहीं राजेश झा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि अंतरिम टर्मिनल के निम्न सुविधा विस्तार में जल्द काम हो.वेटिंग एरिया की क्षमता कम से कम 500 यात्री का हो.सभी यात्री कार का प्रवेश टर्मिनल तक(10-15 मिनट) का हो.फ़्लाइट आपरेशन ऑवर(8AM-6PM) सुरक्षा उपकरण - ILS/DVOR, रात्रि लैंडिंग अन्य सुविधा विस्तार- कैफेटेरिया, प्रीपेड कैब आदि. रवि रंजन दत्ता हमारे विमानन मंत्री जी को दरभंगा एयरपोर्ट की व्यवस्था से अवगत कराइए वो बहुत महत्वपूर्ण है. फिलहाल एयरपोर्ट टर्मिनल तक लोग अपनी गाड़ी से पिक एंड ड्रॉप कर सके इसके लिए परमिशन निकलवाई रक्षा मंत्रालय से.माननीय नेताजी एयरपोर्ट का नाम बदल देने से उसकी व्यवस्था नहीं बढ़ जाएगी. अभी वहां पर पर व्यवस्था बढ़ाना अति महत्वपूर्ण है.लोग बारिश में भींग कर एयरपोर्ट टर्मिनल तक जा रहे हैं, गेट के बाहर पानी लगी हुई है, लोगों को पानी में टहलना पड़ता है.बहुत दयनीय स्थिति है. आशीष चक्रवर्ती कहते हैं कि आपके हिसाब से चंपारण की जनता ने आपको कभी वोट नहीं दिया?आपके पार्टी के विधायक या सांसद इस जगह से नहीं बने?मैं ध्यान दिला दूँ बिहार की उपमुख्यमंत्री उसी चंपारण से हैं. परंतु सालों साल बीत गए पर किसी मंत्री,सांसद या विधायक का ध्यान इस तरफ़ गया ही नहीं की चंपारणवासी को ये सुविधा दें?
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