नई दिल्ली, 05 जुलाई, मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के मिश्रा ने हाथों से मैला सफाई करने की व्यवस्था जारी रहने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए इसकी जगह प्रौद्योगिकी आधारित व्यवस्था से मैले की सफाई पर जोर दिया है। न्यायमूर्ति मिश्रा ने सोमवार को मैले की सफाई विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम की वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अध्यक्षता करते हुए कहा हाथों से मैले की सफाई की व्यवस्था को समाप्त करने के लिए बनाए गए कानूनों और दिशा निर्देशों के बावजूद इस व्यवस्था का जारी रहना हमारे मूल्यों और संविधान के खिलाफ है। साथ ही यह अनेक राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय अधिकारों का भी उल्लंघन करता है। इस व्यवस्था का जारी रहना हमारे देश की एक कड़वी सच्चाई है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपने दृष्टिकोण मैं बदलाव लाएं और इस अमानवीय , भेदभावपूर्ण तथा खतरनाक व्यवस्था के स्थान पर प्रौद्योगिकी आधारित व्यवस्था को अपनाएं। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान इस तरह की खतरनाक व्यवस्थाओं पर रोक लगाने के लिए एक क्रांतिकारी कदम है लेकिन इसमें कई कमियां हैं।
मंगलवार, 6 जुलाई 2021
मैला सफाई के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल जरूरी
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