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हायर सेकेण्डरी परीक्षा परिणाम घोषित
माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा आयोजित हायर सेकेण्डरी परीक्षा वर्ष 2020-21 का परीक्षा परिणाम आज गुरूवार 29 जुलाई की दोपहर 12 बजे घोषित किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री अतुल मुदगल ने बताया कि विदिशा जिले में हायर सेकेण्डरी बोर्ड परीक्षा वर्ष 2021 में नियमित परीक्षार्थी कुल 13056 तथा 1177 स्वाध्यायी परीक्षार्थी सम्मिलित हुए थे। नियमित व स्वाध्यायी परीक्षार्थी शत प्रतिशत उत्तीर्ण हुए है अर्थात परीक्षा परिणाम सौ प्रतिशत रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री मुदगल ने बताया कि मण्डल द्वारा आयोजित हायर सेकेण्डरी बोर्ड परीक्षा में तुलनात्मक दृष्टि से परीक्षा परिणाम तदानुसार वर्ष 2018-19 में 80.84 प्रतिशत, वर्ष 2019-20 में 72.32 प्रतिशत जबकि वर्ष 2020-21 में सौ प्रतिशत परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए है।
कृषकों से अधिसूचित फसलों का बीमा कराने की अपील, अंतिम तिथि 31 जुलाई
उप संचालक श्री पीके चौकसे ने सभी किसानों से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अधिसूचित खरीफ फसलों का बीमा करवाने की अपील की है। बीमा स्वैच्छिक है। उन्होंने बताया कि कृषक खरीफ अनुसार प्रीमीयम दर तिलहन एवं दलहनी फसलों के लिये बीमित राशि का 2 प्रतिशत या वास्तविक दर जो भी कम हो, फसल बीमा करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। भारत सरकार द्वारा खरीफ 2021 से सभी कृषको हेतु योजना को स्वैच्छिक और एैच्छिक किया गया है। इसी अनुक्रम में योजना में प्रावधान किया गया है कि अल्पकालीक फसल ऋण लेने वाले ऋणी कृषक जो अपनी फसलों का बीमा नहीं करवाना चाहते है वे कृषक बीमांकन की अंतिम तिथि 31 जुलाई से 07 दिवस पूर्व सम्बन्धित बैंक से लिखित में आवेदन कर निर्धारित प्रपत्र में भरकर योजना से बाहर जा सकते है। अल्पकालीप फसल ऋण प्राप्त करने वाले कृषको की फसलों का बीमा सम्बन्धित बैंक द्वारा किया जायेगा। अऋणी कृषक जिनका बैंक में बचत खाता है, अपनी अधिसूचित फसलों का बीमा बैंक, लोक सेवा केन्द्र एवं कार्यरत बीमा कंपनी के अधिकृत एजेंट के माध्यम से आवश्यक दस्तावेज जैसे फसल बीमा प्रस्ताव फार्म, आधार कार्ड, पहचान पत्र, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड, समग्र आईडी, ड्राईविंग लायसेंस, भू-अधिकार पुस्तिका, पटवारी या ग्राम पंचायत सचिव द्वारा जारी बुवाई प्रमाण-पत्र, प्रस्तुत कर अपनी अधिसूचित फसलों का बीमा करवा सकते है। अधिक जानकारी के लिये क्षेत्र के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से सम्पर्क किया जा सकता है।
मत्स्य कृषक और मछुआरों के लिए अनेक योजनाएं - लाभ लेने की अपील
मत्स्य पालन से जुड़े कृषकों तथा मत्स्य पालन करने के इच्छुक जिले के व्यक्तियों के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 मे भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना अंतर्गत विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने हेतु कार्यालय सहायक संचालक मत्स्योद्योग में आवेदन आमंत्रित किये गये है। सहायक संचालक मत्स्योद्योग ने बताया कि इच्छुक मत्स्य पालक, व्यक्ति मत्स्य विभाग में संपर्क कर विभिन्न योजनाएं जैसे मत्स्य बीज उत्पादन हेतु हैचरी निर्माण, संवर्धन पोंड निर्माण, नवीन तालाब निर्माण, मत्स्य पालन हेतु इनपुट्स की व्यवस्था, जलाशय में मत्स्य बीज फिंगरलिंग संचयन, रंगीन मछलियों की रियरिंग एवं ब्रीडिंग ईकाई स्थापना, मत्स्य मार्केटिंग हेतु क्योस्क, मोटरसाईकिल विथ आईस बाक्स, साईकिल विथ आईस बाक्स, रेफ्रीजरेटर व्हीकल, इंसुलेटेड व्हीकल, जलाशय में केजध्पेज स्थापना, फिश फीड मिल प्लांट, आईस प्लांट, बायोफ्लोक प्लांट, आर.ए.एस. यूनिट, इत्यादि योजनाओं का लाभ ले सकते है। उन्होंने बताया कि इन योजना में सम्मिलित गतिविधियों का लाभ लेने हेतु इच्छुक व्यक्तिध्मत्स्य समितिध्समूह कार्यालय सहायक संचालक मत्स्योद्योग में 30 अक्टूबर 2021 तक आवेदन कर सकते है। क्लस्टर आधारित तथा पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर हितग्राहियों को चयन में प्राथमिकता दी जाएगी।
’जहरीले कीड़े के काटने पर अस्पताल में इलाज की सलाह’
सर्पदंश की स्थिति में मरीज को तत्काल अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई है। बरसात के दिनों में सांप काटने के केस अत्याधिक सामने आते हैं। सांप काटने में व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तथा सांप काटने को अनदेखा न करें, किसी नजदीकी अस्पताल तुरन्त लेकर जायें, झाड़-फूंक में न रहें, सांप के दांत के नीचे विष की थैली होती है, काटने पर विष की थैली सीधे शरीर में खून के माध्यम से जहर फैल जाता है। सामान्तयः जहरीले सांपों के काटने पर दांतों के दो निशान अलग ही दिखाई देते हैं। गैर विषैले सांप के काटने पर दो से ज्यादा निशान हो सकते हैं, परन्तु ये निशान नहीं दिखता है, ये सोचना गलत होगा कि सांप ने नही काटा है, ज्यादातर सांप गैर विषैले भी होते हैं। सांप के काटने पर करीब-करीब 95 प्रतिशत मामलों में पहला लक्षण नींद का आना है, इसके साथ ही निगलने या सांस लेने में तकलीफ होती है, आमतौर पर सांप काटने पर आधे घंटे बाद लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
’सांप के काटने पर यह ना करें’ - रस्सी से न बांधें, ब्लेड से न काटें, पारम्परिक तारीकों का इस्तेमाल न करें, मुंह से खून न चूसें। ओछा, कुनिया के पास न जायें। सांप काटे व्यक्ति को नदी में प्रवाहित करें। अन्धविश्वास में न पड़े।
’यथा संभव निम्नानुसार कार्य करें’ : सांप काटे व्यक्ति को दिलासा दिलायें। घटना के तथ्यों का पता लगायें। गीले कपडे़ से डंक की जगह की चमड़ी को साफ करें, जिससे वहां पर लगा विष निकल जाये। सांप काटे व्यक्ति को करवट सुलायें, क्योंकि कई बार उल्टी भी होने लगती है, इसलिये करवट सुलाने से उल्टी श्वसनतंत्र में ना जाये। जहां पर सांप ने काटा है उस स्थान पर हल्के कपडे़ से बांध देवें, ताकि हिलना डुलना बंद हो जाये।
’उपचार’ - सांप काटे व्यक्ति को तत्काल नजदीकि अस्पताल ले जाने की व्यवस्था बनायें। सांप के काटने के जहर को मारने के लिये अस्पताल में निःशुल्क एंटी स्नेक इंजेक्शन लगाया जाता है, अस्पताल में उपलब्ध है एवं डाक्टर द्वारा दी गई सलाह के अनुसार उचित उपचार करायें।
’बचाव’ - अंधेरे में न जायें। बिलों में हाथ न डालें। झाड़ियों में न जायें। पानी भरे गड्ढे में न जायें। पैरों में चप्पल और जूते पहनकर चलें।
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