90 प्रकरणों में पीपीओ का वितरण
स्वास्थ्य केन्द्र व स्कूल का निरीक्षण , अपडाउनरों पर कार्यवाही करने के निर्देश
निर्माणाधीन आक्सीजन प्लांट का जायजा
कलेक्टर डॉ पंकज जैन ने गुरूवार को बासौदा के राजीव गांधी जन चिकित्सालय परिसर में स्वास्थ्य गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु निर्माणाधीन संयंत्रो के आलवा अन्य व्यवस्थाओ का जायजा लिया है। कलेक्टर डॉ जैन ने निर्माणाधीन आक्सीजन प्लांट के अलावा आउटसोर्सेज से सम्पादित की जाने वाली लैब के अलावा एक्सरे मशीन कक्ष का जायजा लिया है। कलेक्टर डॉ जैन ने निर्माणाधीन ऐजेन्सियों को निर्देश दिए है कि आक्सीजन प्लांट का निर्माण कार्य शीघ्र सम्पन्न कराए ताकि मरीजो को आवश्यकता पडने पर उसका त्वरित लाभ मिल सकें। इसी प्रकार एक्सरे कक्ष में पहुंचकर मशीनो के संचालन के संबंध में भी आवश्यक मार्गदर्शन दिया है। निरीक्षण के दौरान सीएमएचओ डॉ संजय खरे, बीएमओ डॉ देवेन्द्र चिडार के अलावा अन्य चिकित्सक तथा विभिन्न विभागो के अधिकारी मौजूद थे।
ग्राम पंचायत के कार्यो का जायजा
विशाल वट वृक्ष का अवलोकन पर्यटक सुगमता से कर सकेंगे
कोविड अनुकूल व्यवहार अपनायें और सोशल मीडिया पर अपुष्ट जानकारी शेयर नहीं करें
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिये सावधानियां रखना अतिआवश्यक है और कोरोना वायरस के डेल्टा वायरस बहुत अधिक है इसको रोकने के लिये हमे अपने व्यवहार में अनुकूल परिवर्तन लाना भी आवश्यक है। उन्होंने जिले वासियों से अपुष्ट जानकारी शेयर नहीं करने की भी अपील की है। बार-बार अपनी आंख नाक और मुंह को छूनें से बचें, दूर से अभिवादन करें न किसी से हाथ मिलायें, न गले मिले, आपस में दो गज की दूरी जरूर रखें। घर से बाहर निकलने पर हमेशा दो मास्क पहनें। खांसते और छींकते समय अपने मुंह तथा नाक को ढंककर रखे। श्वसन संबंधी शिष्टाचार का पालन करें। बार-बार साबुन और पानी अथवा अल्कोहलयुक्त सेनीटाईजर से हाथों को धोयें1 सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें, अनावश्यक यात्रा से बचें। अनावश्यक भीड़-भाड़ इकट्ठा न होने दें। अफवाहों पर ध्यान न दें और सोशल मीडिया पर किसी भी अपुष्ट जानकारी को प्रसारित न करें। सूचना के भरोसेमंद स्त्रोतों से ही जानकारी लें। सोशल मीडिया पर कोई भी जानकारी व सन्देश बिना पुष्टि किये ना डाले और यदि कोई गलत और भ्रामक जानकारी बार-बार सोशल प्लेटफार्म पर शेयर कर रहा है तो उसकी जानकारी एसडीएम, तहसीलदार या पुलिस विभाग को भी उपलब्ध करा सकते है। ऐसे लोगों को चिन्हांकित करके उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
प्रयास-अभ्यास पुस्तिका 15 जुलाई से पहले होंगी वितरित
जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया है कि छोटे बच्चों में भावनात्मक विकास और शैक्षणिक समझ विकसित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा ’आओ सीखें कार्यक्रम’ में 15 जुलाई 2021 तक विभिन्न विषयों पर तैयार किए गए ऑडियो-वीडियो व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बच्चों तक पहुंचाए जाएंगे। इस पर आधारित विभिन्न छोटे ऑडियो और वीडियो भेजे जाएँगे। इसके साथ ही हमारा घर-हमारा विद्यालय के अंतर्गत बच्चों में विषय की प्रारंभिक समझ को विकसित करने की दृष्टि से प्रयास-अभ्यास पुस्तिका का वितरण भी 15 जुलाई से पहले किया जाएगा। इसके साथ ही 15 जुलाई के पहले अभ्यास पुस्तिका बच्चों को उपलब्ध कराने के संबंध में सभी जिला परियोजना समन्वयकों को निर्देश दिए गए हैं। साथ ही 16 जुलाई से 15 अगस्त तक विद्यार्थियों को मेल पर प्रेषित की जाएगी। अभ्यास पुस्तिका के 48 पेज की सामग्री को जिले स्तर पर कक्षा 1 व 2 और कक्षा 3 से 5 के लिए बहुरंगी तथा कक्षा 6 से 8 के लिए ब्लैक एंड व्हाइट प्रिंट में मुद्रित कराकर बच्चों को उनके घर पर कार्य करने के लिए 15 जुलाई के पूर्व उपलब्ध कराई जाएगी।
रेज्ड वेड प्लांटर से दलहन-तिलहन फसलों की बोनी की सलाह
संयुक्त संचालक कृषि विकास ने किसानों को रेज्ड वेड प्लांटर से दलहन-तिलहन फसलों की बोनी की सलाह दी है। उन्होंने बताया है कि इससे अरहर, सोयाबीन, मूंग, उड़द तथा चना, मसूर जैसी फसलों की बोनी की जा सकती है। इसमें खाद एवं बीज के लिये अलग-अलग बॉक्स रखकर ट्रैक्टर की सहायता से खेत में क्यारी बनायी जाती है। रेज्डवेड प्लांटर मशीन द्वारा 20 से 22 इंच चौड़ी क्यारियां बनती हैं। इनकी ऊंचाई 6 इंच होती है। प्रत्येक क्यारी के दोनों ओर नालियां होती हैं। इससे एक बार में दो क्यारियां तथा तीन नालियां बनती हैं। इसके माध्यम से निश्चित गहराई पर रिजफेरो विधि से फसलों की बोनी होती है। संयुक्त संचालक द्वारा दी गई जानकारी अनुसार रेज्ड वेड प्लांटर से फसल की बोनी क्यारियों में होती है। जिसके कारण मिट्टी भुरभुरी रहती है। इससे अंकुरण अच्छा होता है। फसल में कतारों तथा पौधों की दूरी निर्धारित रहती है जिससे खरपतवार निकालने में यांत्रिक विधि अपनाना आसान होता है। इस मशीन से बोनी करने पर बीज, खाद, कीटनाशक तथा सिंचाई में पर्याप्त कमी आती है जिससे किसान को बचत होती है। इस विधि से बोनी करने पर कम वर्षा तथा अधिक वर्षा का दुष्प्रभाव फसलों पर नहीं होता है।
कबीर बुनकर प्रोत्साहन पुरस्कार, प्रविष्टियां 29 तक आमंत्रित
हाथकरघा क्षेत्र में उत्कृष्ट एवं परम्परागत संस्कृति के संरक्षण करने वाले बुनकरों को प्रोत्साहित करने हेतु राज्य शासन द्वारा कबीर बुनकर प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत वर्ष 20-2021 में हाथकरघा बुनकारों द्वारा स्वंय उत्पादित वस्त्र प्रदर्शित करने हेतु प्राविष्टयां 29 जुलाई 2021 तक आमंत्रित की गई है। सहायक संचालक हाथ करघा द्वारा बताया गया है कि शासन की योजना अन्तर्गत हाथकरघा बुनकरों से निर्धारित दिनांक 29 जुलाई 2021 समय 6 बजे तक प्रविष्टियां आमंत्रित की गई है। योजना अन्तर्गत प्रथम पुरस्कार कि राशि एक लाख द्वितीय पुरस्कार की राशि पचास हजार तथा तृतीय पुस्कार की राशि 25 हजार रूपये तथा प्रतीक चिन्ह शॉल एवं श्रीफल प्रदान किये जायेगें। आवेदन पत्र के सम्बंध में अधिक जानकारी के लिये जिला हाथकरघा कार्यालय विदिशा में सम्पर्क किया जा सकता है।
दस्तक अभियान - बच्चों की बीमारियों की पहचान और उपचार की पहल
स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त दल (ए.एन.एम., आशा, एवं आंगनवाडी कार्यकर्ता) द्वारा 5 वर्ष तक की उम्र के बच्चों वाले परिवारों के घर-घर जाकर बच्चों में प्रायः पाई जाने वाली बीमारियों की सक्रिय पहचान एवं उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए दस्तक अभियान 19 जुलाई से 18 अगस्त 2021 तक आयोजित किया जाएगा। दस्तक अभियान का उद्देश्य 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में प्रमुख बाल्यकालीन बीमारियों की सामुदायिक स्तर पर सक्रिय पहचान एवं त्वरित प्रबंधन करना है, जिससे बाल मृत्यु दर में वांछित कमी लाई जा सके। उल्लेखनीय है कि माह-जुलाई में सघन दस्त रोग नियंत्रण पखवाड़ा (आई.डी.सी.एफ.) गतिविधियां भी आयोजित की जाना है, जिन्हें दस्तक अभियान की गतिविधियों के साथ 10 जुलाई से 18 अगस्त 2021 तक आयोजित किया जायेगा। 9 माह से 5 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का विटामिन ’ए’ अनुपूरण पृथक से न कर दस्तक अभियान अंतर्गत दिनांक 19 जुलाई से 18 अगस्त 2021 तक घर-घर जाकर किया जायेगा तथा रिपोर्टिंग भी दस्तक अभियान अंतर्गत दस्तक मॉनिटरिंग टूल में की जायेगी। समुदाय में बीमार नवजातों और बच्चों की पहचान प्रबंधन एवं रेफरल। 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में शैशव एवं बाल्यकालीन निमोनिया की त्वरित पहचान, प्रबंधन एवं रेफरल। 5 वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान, रेफरल एवं प्रबंधन। 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में गंभीर एनीमिया की सक्रिय स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन। 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बाल्यकालीन दस्त रोग की पहचान एवं नियंत्रण हेतु ओ.आर.एस. एवं जिंक के उपयोग संबंधी सामुदायिक जागरूकता में बढ़ावा एवं प्रत्येक घर में गृहमेंट के दौरान ओ.आर.एस. पहुँचाना, (सधन दस्त रोग पखवाड़ा-आई.डी.सी.एफ. गतिविधि आयोजन) 9 माह से 5 वर्ष तक के समस्त बच्चों को विटामिन ए अनुपूरण। बच्चों में दिखाई देने वाली जन्मजात विकृतियों एवं वृद्धि विलंब की पहचान, समुचित शिशु एवं बाल आहारपूर्ति संबंधी समझाइश समुदाय को देना, एस.एन.सी.यू एवं एन.आर.सी से छुट्टी प्राप्त बच्चों में बीमारी की स्क्रीनिंग तथा फॉलोअप को प्रोत्साहन, गृह भेंट के दौरान आंशिक रूप से टीकाकृत एवं छूटे हुये बच्चों की टीकाकरण स्थिति की जानकारी लेना। दस्तक अभियान के दौरान यदि किसी बच्चे में कोविड-19 के लक्षण यथा पिछले 3 दिन से बुखार, सांस लेने में कठिनाई, कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति के संपर्क की हिस्ट्री हो, आदि मिलने पर बच्चे को कोविड-19 की जांच हेतु रेफर किया जायेगा।
धान, सोयाबीन और मक्का फसल के लिए किसानों को सलाह
कृषि वैज्ञानिकों द्वारा धान की नर्सरी से खरपतवार अलग करने, सोयाबीन एवं संकर मक्का की बोवनी से पूर्व उचित बीजोपचार करने की किसानों को सलाह दी गई है। कृषि वैज्ञानिकों ने सब्जी उत्पादक किसानों को बताया है कि भिण्डी में पीत शिरा मोजेक कीट व्याधि की संभावना है। भिण्डी की फसल में यदि पत्तियों की शिराओं का रंग पीला पड़ रहा है तो ये पीत शिरा मोजेक रोक के लक्षण हो सकते है अतः ऐसे पौधों को उखाड़कर जमीन में गाड़ दे तथा संक्रमण के प्रारंभिक चरण में रस चुसक कीटों को नियंत्रित करने के लिए इमेडाक्लोरप्रीड 5-7 मिलीलीटर प्रति पम्प का छिड़काव करें। बैंगन, टमाटर, मिर्च के पौध तैयार करे। इसी प्रकार अमरूद, आम, नीबू के वृक्षों में खाद व नत्रजन उर्वरक दें। इसी प्रकार गन्ना, धान की फसल वर्तमान में वानस्पतिक अवस्था में है। जिन स्थानों पर गन्ने की फसल घुटने की ऊँचाई तक आ गई है वहां किसान भाई फसल में निराई-गुड़ाई कर मिट्टी चढ़ाने का कार्य करें, साथ ही साथ जिन स्थानों पर पिछले माह गन्ने की बुवाई की गई है, उन स्थानों पर अंधी गुड़ाई करने की सलाह दी गई है। साथ ही गन्ने के नीचे की सूखी हुई पत्तियों को निकाल कर गन्ने की बंधाई करने के लिए कहा गया है।
जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा - 12 से 16 जुलाई तक मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में
जेल प्रहरी भर्ती परीक्षा 2021 में द्वितीय चरण हेतु योग्य पाए गए उम्मीदवारों का शारीरिक नापजोख एवं प्रवीणता टेस्ट 12 जुलाई से 16 जुलाई 2021 तक मोतीलाल नेहरू स्टेडियम भोपाल में आयोजित किया जाएगा। प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल की जेल प्रहरी भर्ती हेतु लिखित परीक्षा 11 दिसंबर से 24 दिसंबर 2021 को ऑनलाइन आयोजित की गई थी जिसका परीक्षा परिणाम 10 अप्रैल, 2021 को घोषित किया गया है। जेल प्रहरी के पदों हेतु सफल अभ्यर्थियों के द्वितीय चरण की परीक्षा जिसमें शारीरिक नापजोख एवं प्रवीणता टेस्ट होगा, जेल विभाग स्वयं लेगा। प्रथम चरण में चयनित उम्मीदवारों का शारीरिक नापजोख एवं प्रवीणता टेस्ट मोतीलाल नेहरू स्टेडियम, पुलिस परेड ग्राउंड, भोपाल में 12 जुलाई से 16 जुलाई 2021 तक आयोजित किया जाएगा। जिसका विस्तृत विवरण मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड भोपाल पर उपलब्ध है। क्वालिफाइड अभ्यर्थी वेबसाइट www.peb.mp.gov.in पर उपलब्ध प्रपत्रों को निकालकर नियत तिथि पर आवश्यक दसतावेजों एवं जानकारी सहित शारीरिक नापजोख एवं प्रवीणता टेस्ट हेतु उपस्थित हो सकता है। उल्लेखनीय है कि जेल प्रहरी के 282 पदों हेतु पीईबी द्वारा 3 लाख 5 हजार 988 आवेदकों को प्रवेश पत्र जारी किए गए थे, जिनमें से 1 लाख 79 हजार 233 अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए थे, जिसमें से 2845 अभ्यर्थियों को द्वितीय चरण हेतु क्वालिफाइड किया गया है, जिनका द्वितीय चरण में शारीरिक नापजोख एवं प्रवीणता टेस्ट लिया जाना है। शारीरिक नापजोख एवं प्रवीणता परीक्षा में योग्य पाए जाने वाले अभ्यर्थियों में से पीईबी अंतिम चयन सूची जारी करेगी, जिन्हें जेल विभाग द्वारा प्रहरी के पद पर नियुक्ति प्रदान की जाएगी।
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