गौरतलब है कि सुप्रियो अगर संसद से इस्तीफा देते तो इस सूरत में आसनसोन से उपचुनाव कराने की नौबत आती और भाजपा के लिए इस सीट पर दोबारा जीत हासिल करना आसान नहीं होता क्योंकि पिछले दिनो संपन्न विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की थी। मालूम हो कि हाल ही में भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने सोशल मीडिया पर राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया था। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा था कि वे राजनीति में सिर्फ समाजसेवा करने के उद्देश्य से आए थे। अब उन्होंने अपनी राह बदलने का फैसला किया है।
पश्चिम बंगाल के आसनसोल से सांसद और गायकी की दुनिया से राजनीति में आए बाबुल सुप्रियो ने अब अपनी राजनीति को लेकर एक और बड़ा ऐलान किया है। सुप्रियो ने कहा है कि यह राजनीति से तो दूर रहेंगे, लेकिन सांसद तो बने रहेंगे। दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात करने के बाद कहा कि ‘मैं आसनसोल में संवैधानिक रूप से (सांसद के रूप में) काम करना जारी रखूंगा। संवैधानिक पद से राजनीति परे है और मैं इससे खुद को अलग करता हूं। मैं किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं होऊंगा। मैं दिल्ली में सांसद के तौर पर मिला बंगला खाली करूंगा और सुरक्षाकर्मियों को उनकी ड्यूटी से जल्द रिहा करूंगा।
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