संसद के मॉनसून सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है। इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्षी पार्टियों ने विपक्षी एकता को मजबूती देने की कोशिश की। राहुल गांधी ने मंगलवार को विपक्षी पार्टियों को नाश्ते पर बुलाया जिसमें 14 विपक्षी दल के नेता शामिल हुए। इनमें कांग्रेस के अलावा टीएमसी, राजद, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, NCP, सीपीआई, सीपीएम, आईयूएमएल, आरएसपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, झामुमो और डीएमके शामिल हुए।
मायावती की बहुजन समाज पार्टी और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने राहुल की ब्रेकफास्ट वाली बैठक से दूरी बनाते हुए इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया। दोनों ही दलों के नेता विपक्षी एकता पर खुलकर तो कुछ नहीं बोले। लेकिन साफ प्रतीत होता है कि राहुल की ब्रेकफास्ट वाली चाय की उन्होंने हवा निकाल दी है। मोदी विरोध के नाम पर जिस राजनीतिक चाय को इस पार्टी में परोसा गया, उसमें उबाल वाली कोई चीज ही नहीं थी। इशारों—इशारों में बसपा ने देश की दूर्दशा के लिए कांग्रेस को सबसे बड़ा जिम्मेवार भी बता दिया।
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