डुमरांव। दुनिया में ऐसे बहुत से फनकार हुए हैं, जो किसी एक देश की सरहदों तक सीमित नहीं रहे।उन्हीं में से एक भारत रत्न प्रख्यात शहनाई वादक विस्मिल्लाह खान भी थे।डुमरांव निवासी पत्रकार मुरली श्रीवास्तव ने बिस्मिल्लाह खान की याद में लेक्चर तथा सम्मान समारोह आयोजित किया।इस सम्मान समारोह में रेशमा प्रसाद को समाजसेवा में विशिष्ट कार्य के लिए शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार से नवाजा गया। डुमरांव की धरती के सिरमौर बिस्मिल्लाह खान की याद में समारोह करने वाले डुमरांव निवासी पत्रकार मुरली श्रीवास्तव जी का हार्दिक धन्यवाद जो आपने बिस्मिल्लाह खान की याद में लेक्चर तथा सम्मान समारोह आयोजित किया। दुनिया में ऐसे बहुत से फनकार हुए हैं, जो किसी एक देश की सरहदों तक सीमित नहीं रहे।ऐसे भी लोग हुए जिन्होंने किसी एक साज के साथ खुद को ऐसा जोड़ लिया कि दोनो एक दूसरे का पर्याय बन गए। बांसुरी के साथ हरि प्रसाद चौरसिया, तबले के साथ उस्ताद अल्लाह रक्खा खां और उनके पुत्र उस्ताद जाकिर हुसैन, सितार के साथ पंडित रवि शंकर और शहनाई के साथ उस्ताद बिस्मिल्लाह खान का नाम बड़े अदब और इज्जत से लिया जाता है। उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की बात करें कि वह अपने फन के इस कदर माहिर थे कि उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया।
सोमवार, 23 अगस्त 2021
बिहार : रेशमा प्रसाद को बिस्मिल्लाह खान पुरस्कार
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