बिहार : पीएम मटेरियल भाजपा के नेतृत्व की ही जड़ खोदने में लगे : चिराग - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 2 अगस्त 2021

बिहार : पीएम मटेरियल भाजपा के नेतृत्व की ही जड़ खोदने में लगे : चिराग

chirag-attack-nitish
पटना : बीते दिन जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने सीएम नीतीश को पीएम मटेरियल बताते हुए कहा था कि अभी एनडीए (NDA) ने नेता नरेन्द्र मोदी (NARENDRA MODI) हैं और वे पीएम हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि देश के कोई अन्य नेता प्रधानमंत्री बनने की योग्यता नहीं रखते हैं। इनमें से नीतीश कुमार भी एक प्रमुख नेता हैं, इनमें प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण हैं, अगर मौक़ा मिला तो नीतीश कुमार अच्छे से दश चला सकते हैं। जदयू नेता के इस दावे पर विपक्ष नीतीश कुमार को घेरना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में लोजपा नेता चिराग पासवान ने नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि सुना है ‘पीएम मटेरियल’ की महत्वाकांक्षा फिर जोर मारने लगी है। किसी प्रधानमंत्री के पद पर होते हुए अगर किसी सहयोगी की तरफ से ये आये कि वह भी पीएम मटेरियल है तो ज़ाहिर है कि भावना मौजूदा प्रधानमंत्री के पद को छीन लेने की है। चिराग ने कहा कि एक ‘मन की बात’ पीएम सुनाते हैं। दूसरी ‘मन की बात’ पीएम मटेरियल की तरफ से आयी है। अंतर ये है कि पीएम मटेरियल की बातें स्वार्थ में सराबोर हैं। लोगों द्वारा रिजेक्ट होने के बाद भाजपा की दया पर सीएम बने पीएम मटेरियल भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ही जड़ खोदने में लगे हैं। उन्होंने आगे कहा कि पीएम मटेरियल ने भाजपा के दम पर भाजपा के ही खिलाफ अपनी गुप्त योजना को अंजाम देना शुरू कर दिया है। जातीय जनगणना, जनसंख्या नियंत्रण कानून, सीएए-एनआरसी जैसे मुद्दों पर बीजेपी से अलग राह अपनाकर पीएम मटेरियल ने अपने सपने को सच करने का अभियान शुरू कर दिया है। सावधान !!! ज्ञातव्य हो कि 2014 के आम चुनाव से पहले देश के कुछ राजनीतिक दलों को नीतीश को पीएम मटेरियल के तौर पर देखने लगे थे। राहुल गांधी, शरद पवार, ममता बनर्जी की तरह नीतीश भी खुद को पीएम पद का दावेदार समझने लगे थे। इसके बाद ही नीतीश कुमार की जदयू भाजपा से अलग हुई थी।

कोई टिप्पणी नहीं: