- कटिहार के शिक्षक तमीजउद्दीन को निलंबन मुक्त करने को लेकर BPNPSS के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को पत्र प्रेषित किया।
बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष पंकज कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को को पत्र प्रेषित कर चेतावनी दिया है कि कटिहार के शिक्षक तमीजउद्दीन को निलंबन मुक्त करते हुए आदेश जारी करने वाले पदाधिकारी पर कार्यवाई नही हुआ, तो सूबे बिहार के लाखों शिक्षक सड़क से कोर्ट तक आक्रामक संघर्ष करने के लिए बाध्य होगी।
ज्ञात हो कि मध्याह्न भोजन योजना अन्तर्गत उपलब्ध कराई गई खाद्यान्न के खाली बेग( बोरी) का राशि जमा करने का आदेश निदेशक ,मध्याह्न भोजन योजना द्वारा पत्रांक-983,दिनांक-22-07-2021 के माध्यम से सभी जिलों को दिया था। उक्त आदेश में खाद्यान्न के खाली बेग (बोरा) को प्रति बैग 10/रु. की दर से बिक्री कर प्राप्त राशि को संबंधित खातें में जमा करने का निर्देश दिया गया था। आदेश के अनुरूप राज्य के शिक्षक वर्षो से जीर्ण शीर्ण अवस्था में पड़े बोरे को बेचने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन स्वाभाविक रूप से बोरे का खरीदार नही मिलने की वजह से शिक्षकों के समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसी क्रम में मो तजीमुद्दीन, प्रा.वि.कांता डीह,प्रखण्ड-कदवा,जिला-कटिहार द्वारा विभागीय आदेश के अनुपालन हेतु गांवों-मोहल्लें में बोरा बेचने का प्रयास किया गया।जिसका किसी ने विडीयो बनाकर वायरल कर दिया। उक्त विडीयो को आधार बनाकर निदेशक, मध्याह्न भोजन योजना द्वारा उक्त शिक्षक के विरुद्ध कार्यवाई करने का आदेश जारी कर दिया और उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि सार्वजनिक स्थल पर बोरा बेचकर शिक्षक ने विभाग की छबि को धूमिल किया है। तदुपरांत रविवारीय अवकाश के दिन ही पंचायत सचिव, राज भोगांव कदवा, कटिहार ने संबंधित शिक्षक को उसी दिन बिना स्पष्टीकरण के निलंबित भी कर दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विभागीय आदेश का अनुपालन करने वाले कर्मठ शिक्षक को जहाँ पुरस्कृत करना चाहिए था,वही दंडित कर दिया गया,जो पुरी तरह अलोकतांत्रिक और नियमविरुद्ध है।कहा कि सार्वजनिक स्थल पर शिक्षक द्वारा बोरा बेचने से अगर विभाग की छबि धूमिल हुआ है,तो उसके लिए आदेश जारी करने वाले पदाधिकारी पर विभाग को कार्यवाई करनी चाहिए न कि शिक्षक पर। कहा कि सरकार अगर शिक्षक तजीमुद्दीन को निलंबन मुक्त करते हुए आदेश जारी करने पदाधिकारी पर कार्यवाई नही करती है, तो संघ इंसाफ के लिए सड़क से कोर्ट तक संघर्ष करने के लिए बाध्य होगी।
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