नयी दिल्ली, 18 अगस्त, प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के संदर्भ में कॉलेजियम की बैठक के बारे में मीडिया में कुछ “अटकलों और खबरों” को “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया। प्रधान न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की सेवानिवृत्ति के अवसर पर आयोजित एक रस्मी कार्यक्रम में कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया पवित्र है और इसके साथ गरिमा जुड़ी हुई है तथा मीडिया को इस पवित्रता को समझना व पहचानना चाहिए। उन्होंने कहा, “इस अवसर पर मैं मीडिया में कुछ अटकलों और खबरों पर चिंता व्यक्त करने की स्वतंत्रता लेना चाहता हूं। आप सभी जानते हैं कि हमें इस न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति करने की जरूरत है। यह प्रक्रिया चल रही है। बैठकें होंगी और फैसले लिए जाएंगे। न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया पवित्र है और इसके साथ एक गरिमा जुड़ी हुई है। मेरे मीडिया के मित्रों को इस प्रक्रिया की पवित्रता को समझना व पहचानना चाहिए।” प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि एक संस्था के तौर पर शीर्ष अदालत मीडिया की स्वतंत्रता और नागरिकों के अधिकारों का बेहद सम्मान करती है और प्रक्रिया के लंबित रहने के दौरान प्रस्ताव के निष्पादन से पहले ही मीडिया के एक वर्ग में जो प्रतिबंबित हुआ वह विपरीत असर डालने वाला है। उन्होंने कहा, “ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां योग्य प्रतिभाओं के आगे बढ़ने का मार्ग ऐसे गैरजिम्मेदाराना खबरों और अटकलों के कारण बाधित हो जाता है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं इससे बेहद व्यथित हूं।” प्रधान न्यायाधीश ने ऐसे गंभीर मामलों में अटकलें नहीं लगाने और संयम बरतने में अधिकांश वरिष्ठ पत्रकारों और मीडिया घरानों द्वारा दिखाई जाने वाली “परिपक्वता और जिम्मेदारी” की सराहना की। उन्होंने कहा, “ऐसे पेशेवर पत्रकार और नैतिक मीडिया विशेष तौर पर उच्चतम न्यायालय और लोकतंत्र की असली ताकत हैं। आप हमारी व्यवस्था का हिस्सा हैं। मैं सभी पक्षकारों से इस संस्थान के अक्षुण्ता और गरिमा को बरकरार रखने की उम्मीद करता हूं।” प्रधान न्यायाधीश मीडिया में आई उन खबरों के संदर्भ में बोल रहे थे जिनमें कहा गया था कि ऐसा समझा जा रहा है कि उनकी अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के लिये नौ नामों की सिफारिश की है।
गुरुवार, 19 अगस्त 2021
न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया पर मीडिया में अटकलें दुर्भाग्यपूर्ण : CJI
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