- मायके वाले ने दहेज प्रताड़ना मे हत्या का लगाया आरोप
मधुबनी/पटना : दहेज दानवों द्वारा दहेज के लिए बेटियो की हत्या किए जाने का मामला बढ़ता ही जा रहा है। इसके लिए समाज मे की जा रही जागरूकता एवं कठोर कानून के बावजूद दहेज प्रताड़ना मे विवाहिताओं की हत्या करने का सिलसिला रुकने का नाम नही ले रहा है। मधुबनी नगर के लहेरियागंज की रहने वाली किशोर कुमार खंडेलवाल की लाडली छोटी बेटी गुँजेश्वरी देवी का दहेज प्रताड़ना मे उसके ससुराल वालो ने हत्या कर देने की का एक बड़ा मामला प्रकाश मे आया है। पटना के खाजेकला थाना क्षेत्र के मोगलपुरा इलाके मे विवाहिता गुँजेश्वरी का शव उसके ससुराल के कमरे मे झूलता मिला है। आत्महत्या करने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम करने के लिए भेज कर जाँच शुरू कर दी है। इधर घटना की जानकारी मिलते ही विवाहिता गुँजेश्वरी के मायके वाले पहुंचे औऱ दहेज प्रताड़ना मे 27वर्षीया बेटी गुँजेश्वरी देवी की हत्या की जाने का आरोप लगाया। परिजनो के आरोपो के बाद पुलिस ने विवाहिता का पति मधुबनी जिले के फूलपरास मे साँख्य्की विभाग का कर्मी निशिकांत कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। मृतिका विवाहिता गुँजेश्वरी देवी का भाई अमरनाथ अमर का कहना है की आत्महत्या की सूचना पर जब वहाँ पहुंचा, तो उसकी बहन पंखे के हुक से झूल रही थी।
लेकिन उसका पैर पलंग पर था। उसका आरोप है की ससुराल वालो ने दहेज प्रताड़ना मे उसकी हत्या कर शव को पंखे के हुक से टांग दिया है। पुलिस का कहना है की कमरे से प्रताड़ना से जुड़ा सुसाइड नोट बरामद किया गया है, जिसमे ससुराल वालो पर प्रताड़ित करने की बात लिखी गई है। पुलिस सभी पहलुओ पर छानबीन कर रही है। घटना के संबंध मे मृतिका गुँजेश्वरी देवी के पिता किशोर कुमार खंडेलवाल एवं माँ गीता देवी ने बताया की घर की सबसे छोटी बेटी गुँजेश्वरी का पांच साल पहले धूमधाम से पटना के निशिकांत कुमार जो साँख्य्की विभाग मे कार्यरत है। उनसे विवाह किया था। विवाह के बाद दो संतान हुई थी, जिसमे एक लड़का जिसका उम्र 11माह एवं एक लड़की जो 04साल की है। मानसिक रूप से स्वस्थ्य नही है, इसी बच्ची के ईलाज के लिए हमेशा राशि की मांग की जा रही थी। जो हमसे बन रहा था वह राशि हम खर्च भी कर रहे थे। लेकिन इसकी आर मे दामाद के द्वारा अधिक राशि की मांग की जाने लगी, जो देने हमलोग असमर्थ थे। इस कारण विवाद बढ़ता गया। मेरी बेटी को प्रताड़ित किया जाने लगा। ससुराल वालो का दिल नही पसीजा औऱ मेरी बेटी की हत्या कर दी। मेरी बेटी ने भविष्य को देखते हूए मायके मे रहकर ही एसटीईटी की परीक्षा भी पास कर ली थी। जिंदा रहती तो शिक्षिका बन कर दोनो बच्चो का परवरिश करती जो अब सपना बन गया। बरहाल देखना हो गया कि इस मामले में कब तक न्याय मिल पाता है।
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