उनके अभी तक 18 से अधिक शोधपत्र अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं। इनमें प्रमुख टेलर एंड फ्रांसिस के सुप्रामोलीक्यूलर केमेस्ट्री, हेटेरोसाइक्लिक लेटर्स, इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ लाइफसाइंस एंड फार्मा रिसर्च, जर्नल आफ बायोलॉजिकल एंड केमिकल क्रानिकल्स, एशियन जर्नल ऑफ केमेस्ट्री, इंडियन जर्नल ऑफ हेटरोसाइक्लिक केमेस्ट्री आदि प्रमुख है। उनके दो बुक चैप्टर भी अंतरराष्ट्रीय प्रकाशक के द्वारा दो विभिन्न पुस्तकों में प्रकाशित हो चुकी है। उन्होंने अब तक 20 से अधिक शोध पत्र अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय सेमिनार, कॉन्फ्रेंस, सिंपोजियम, वर्कशॉप आदि में प्रस्तुत किया है। कुछ जगह इनवाइटेड गेस्ट के रुप में भी अपना व्याख्यान दिए है। उन्होंने अभी तक 221 से अधिक अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय वेबीनार में भाग लिया है। तथा एक अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन सफलतापूर्वक आयोजक सचिव के रूप में भी किए है। उन्हें डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन बेस्ट फैकेल्टी अवॉर्ड - 2021 से 05 सितंबर 2021 को सम्मानित किया जा चुका है। यह अवॉर्ड देश के पूर्व राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन 05 सितंबर 2021 अर्थात शिक्षक दिवस के अवसर पर इंटरनेशनल मल्टीडिसीप्लिनरी रिसर्च फाउंडेशन के प्रेसिडेंट प्रोफेसर (डॉ) रत्नाकर डी बाला के द्वारा डॉक्टर झा को प्रदान की गई है। उन्हे पढ़ाई तथा शोध के क्षेत्र मे उत्कृष्ट योगदान के लिए 12 सितंबर 2020 को बेंगलुरू में 'एम•टी•सी• ग्लोबल इंस्पायरिंग टीचर अवार्ड, रसायनशास्त्र, से भी सम्मानित किया गया था। भारत सरकार के द्वारा नीति आयोग से पंजीकृत संस्था एम•टी•सी• ग्लोबल के द्वारा यह अवार्ड मिला था। उन्हे आई• एम• आर• एफ• बेस्ट रिसर्चर अवॉर्ड, रसायनशास्त्र - 2020 से भी सम्मानित किया जा चुका है।
उन्हें एकेडमिक एक्सीलेंस अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है। उन्हें डिस्टिंग्विश्ड टीचर अवॉर्ड रसायनशास्त्र से भी सम्मानित किया जा चुका है। डॉ• झा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से स्नातक उत्तीर्ण हुए जिसमें उन्होंने पूरे विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र में प्रथम स्थान प्राप्त किया, तथा स्नातकोत्तर में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के वर्ष 2014 के पीजी के ओवरऑल टॉपर (बेस्ट पोस्टग्रेजुएट) तथा रसायन शास्त्र के टॉपर होने के कारण बिहार के उस वक्त के महामहिम कुलाधिपति जो वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति है उनके द्वारा दो गोल्ड मेडल देकर उनको सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में पहली बार ही पीएचडी के लिए पीआरटी की परीक्षा 2016 में दी और रसायन शास्त्र में प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा यूजीसी विनियम 2009 के अंतर्गत पीएचडी की डिग्री भी 2019 में प्राप्त किया। इसके बाद इन्होंने भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में अतिथि सहायक प्राध्यापक का साक्षात्कार दिया तथा वहां भी उन्होंने पूरे विश्वविद्यालय में साक्षात्कार के उपरांत रसायन शास्त्र में प्रथम स्थान प्राप्त किया तथा इनकी प्रथम पोस्टिंग मनोहरलाल टेकरीवाल कॉलेज सहरसा में हुआ जो सहरसा का एकमात्र पोस्ट ग्रेजुएट अंगीभूत महाविद्यालय है। यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। इन्हे आई• एम• आर• एफ• के 119th अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन में "यंग साइंटिस्ट अवार्ड" से भी सम्मानित किया जा चुका है वह एक यूजीसी का माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट पर भी सफलतापूर्वक कार्य किए है। वह बहुत सारे संस्था के लाइफ टाइम मेंबर भी है। जिनमें एमटीसी ग्लोबल, इंटरनेशनल मल्टीडिसीप्लिनरी रिसर्च फाउंडेशन, इंस्टिट्यूट ऑफ स्कॉलर इत्यादि प्रमुख है। ये सभी कार्य उनके करी मेहनत और गुरुजनों के मार्गदर्शन का ही नतीजा है। इन सभी का श्रेय वे अपने माता पिता एवं गुरुजनों को देते हैं, आज वह जो कुछ भी हैं वह अपने माता पिता एवं गुरुजनों के आशीर्वाद का ही फल है। डाॅ• झा की इस उपलब्धि से संपूर्ण मिथिलांचल ,कोसी एवं सीमांचल में हर्ष का माहौल कायम है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें