बेतिया. पश्चिम चंपारण जिले में है बेतिया.यह ईसाइयों का गढ़ रहा है.इसे इतिहास का एक महत्वपूर्ण धरोहर कहा जाए तो गलत नहीं होगा, हकीकत में बेतिया में कई ऐतिहासिक धरोहर मौजूद है, जो सदियों पुरानी है. इन्ही एक धरोहर में बेतिया का गिरजाघर भी है. मां मरियम के जन्मदिन के अवसर पर ग्रोटो और चर्च को दुल्हन की तरह सजाया गया.रात्रि समय ग्रोटो और चर्च नयना विराम हो जाता है. बताया गया कि आज आठ सितंबर को विश्वभर में ईसाई समुदाय के द्वारा मां मरियम का जन्म दिन मनाया जाता है.सुबह में भक्तगण मिस्सा पूजा में भाग लिए और भक्तिपूर्ण ढंग से परमप्रसाद ग्रहण किए.बेतिया में कुछ हटकर मनाया गया.
बताते चले कि बेतिया पल्ली में गिरजाघर है,उसका नाम धन्य वर्जिन मेरी चर्च (नेटिविटी ऑफ दी ब्लेस्ड विर्जिन मेरी) है.वहीं मां मरियम का जन्म दिन भी है.दोनों उत्सव को मिलाकर पल्ली दिवस मनाया गया.इस अवसर को और अधिक यादगार बनाने के लिए 22 बच्चों को प्रथम परमप्रसाद दिया गया. जी तीन तरह की खुशियां बेतियान्वी लूटे.सबसे अधिक खुशी 22 बच्चों के बीच में देखा गया.जो महीनों से परमप्रसाद ग्रहण करने की तैयारी कर रहे थे.वह पल आ ही गया. संसार के मुक्तिदाता येसु ख्रीस्त का शरीर और रक्त को परमप्रसाद के रूप में ग्रहण किए.अहा! येसु मेरे दिल में आया..यह सौभाग्य बेतिया धर्मप्रांत के बिशप पीटर सेबेस्टियन गोबियस, पल्ली के प्रधान पल्ली पुरोहित फादर हेनरी फर्नाडो, सहायक पल्ली पुरोहित अमीत,फादर तेलेस्फोर एवं अन्य पुरोहितों के सौजन्य से 13 लड़कियों व 9 लड़को को प्रथम परमप्रसाद मिला. बेतिया पल्ली और क्रिश्चियन कॉलोनी का माहौल उत्साहजनक रहा.चर्च के अंदर और बाहर सुरूची ढंग से सजाया गया.भक्तगणों को देखा गया कि भक्तिभाव से प्रार्थना करने में लीन रहे. एक साथ लोग मां मरियम का पर्व व पल्ली दिवस मनाएं.हर जगह पर लोग खुश नजर आएं. अन्य धर्म के लोग भी इस तरह का माहौल देखा. जो राह से जा रहे थे तो कदम रोक दिये और मां मरियम के पास जाकर हाथ 🙏 जोड़ कर प्रार्थना करने लगे.आज शाम में माता मरियम के नाम लिखवाकर हैप्पी बर्थडे केक काट कर जश्न मनाकर खुश होंगे और दिन को यादगार बनाएंगे.
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