चिंता की बात यह है कि आर्कटिक का यह तेल और गैस का बोनान्ज़ा, स्थानीय समुदायों और जैव विविधता को नष्ट करते हुए, दुनिया के 1.5 डिग्री सेल्सियस की तापमान वृद्धि दर के अनुरूप शेष बचे 22 प्रतिशत कार्बन बजट तक को खत्म कर सकता है। रिपोर्ट के इन निष्कर्षों पर टिप्पणी करते हुए, रिक्लेम फाइनेंस के कैम्पेनर और रिपोर्ट लेखक एलिक्स माज़ौनी ने कहा, "आर्कटिक क्षेत्र जलवायु परिवर्तन का बॉम्ब है। हमारे शोध से पता चलता है कि तेल और गैस उद्योग इसमें बॉम्ब में विस्फोट करने पर अड़े हैं। लेकिन वो अकेले इसके ज़िम्मेदार नहीं। वित्तीय संस्थानों ने इन कंपनियों को प्रायोजित किया है, जिससे उनकी अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं का मजाक उड़ाया जा रहा है। चूंकि तेल और गैस के दिग्गज अपने क्रियाकलापों को नहीं बदलेंगे, इसलिए बीएनपी परिबास, ब्लैकरॉक और जेपी मॉर्गन चेज़ को अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के निर्देशों का पालन करना चाहिए और फंडिंग को रोक देना चाहिए।" आर्कटिक में तेल और गैस खनन का समर्थन नहीं करने के लिए वित्तीय संस्थानों की कई प्रतिबद्धताओं के बावजूद, रिपोर्ट इन संस्थाओं की इन मूलभूत खामियों को उजागर करती है। जहाँ एक तरफ आर्कटिक क्षेत्र में विस्तार को बढ़ावा देने वाले शीर्ष 30 बैंकों में से 20 बैंक आर्कटिक बहिष्कार की नीतियों के अंतर्गत आते हैं, उनमे से एक भी ऐसा नहीं हैं जो क्षेत्र में नई तेल और गैस परियोजनाओं को विकसित करने वाली कंपनियों के समर्थन नहीं करता हो। विशेष रूप से, एचएसबीसी और बीएनपी परिबास अपने समकक्षों की तुलना में आर्कटिक बहिष्करण नीतियों को जल्दी अपनाने के बावजूद, 2020 में आर्कटिक विस्तारवादियों के शीर्ष फाइनेंसर थे।
रिपोर्ट के लेखक इस त्रुटि के लिए अत्यधिक छिद्रपूर्ण और कमज़ोर नीतियों को जिम्मेदार मानते हैं। AXA और मॉर्गन स्टेनली जैसे वित्तीय संस्थानों ने आर्कटिक की अत्यधिक सीमित परिभाषाओं को अपनाया है जो चल रहे विस्तार की अनुमति देते हैं, जबकि गोल्डमैन सैक्स और क्रेडिट एग्रीकोल कई वित्तीय दिग्गजों में से हैं जो केवल तेल परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण को सीमित करते हैं, जिससे फॉसिल गैस की अनुमति मिलती है, जो की आईईए के 1.5 डिग्री के उद्देश्य के बिलकुल खिलाफ है। निवेशकों के बीच तस्वीर और भी खराब है। शीर्ष 30 निवेशकों में से केवल दो ही आर्कटिक तेल और गैस विस्तार का समर्थन करते हैं, यहां तक कि एक नीति भी रखते हैं। यह बात इस क्षेत्र के अंधेरे को दर्शाता है। इस बीच, बीमाकर्ताओं के बीच, आर्कटिक तेल और गैस निष्कर्षण के लिए आवश्यक खिलाड़ी, दुनिया की शीर्ष 46 कंपनियों में से केवल 13 के पास आर्कटिक क्षेत्र की अंडरराइटिंग नीति है - यहां तक कि ये नीतियां क्षेत्र में तेल और गैस के विस्तार को रोकने में विफल रही हैं। माज़ौनी अपनी बात समाप्त करते हुए निष्कर्ष निकलते हैं कि, "आजकल जब नेट ज़ीरो वालों के गठबंधनों की चर्चा है, यह रिपोर्ट इस बहुमूल्य क्षेत्र में जलवायु प्रतिबद्धताओं की वास्तविकताओं पर एक परेशान करने वाला प्रकाश डालती है। सच्चाई यह है कि अधिकांश वित्तीय खिलाड़ियों के लिए आर्कटिक निषेध नीतियों की कोई प्रासंगिकता नहीं है और इसीलिए यह नीतियां तेल और गैस के विस्तार के समर्थन को समाप्त करने में विफल हैं। फ़िलहाल, COP26 के पहले जलवायु कार्रवाई के इस निर्णायक समय में, वित्तीय संस्थानों को आर्कटिक मॉनिटरिंग एंड असेसमेंट प्रोग्राम की परिभाषा को अपनाना चाहिए और आर्कटिक में तेल और गैस विस्तार के लिए सभी समर्थन को समाप्त करने चाहिए, फिर चाहे वह परियोजनाओं के वित्तपोषण से हो या सीधे तौर पर कॉर्पोरेट वित्तपोषण के माध्यम से हो। किसी और के सर इसका ठीकरा फोड़ना ठीक नहीं और इन्हें ज़िम्मेदारी लेनी होगी।
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