जब से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पदभार संभाला है, तब से ही उन्होंने एक बार फिर अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचागत सुविधाओं, रोजगार, उद्योग और संस्कृति सहित विकास के समस्त आयामों पर इस क्षेत्र की ओर विशेष रूप से नीतिगत ध्यान देना शुरू कर दिया है। अपने कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कई अवसरों पर इस क्षेत्र का दौरा किया है और उन्होंने देश के किसी भी अन्य पूर्व प्रधानमंत्री के साथ-साथ कई प्रधानमंत्रियों के कुल सम्मिलित दौरों की तुलना में भी इन राज्यों का कहीं अधिक बार दौरा किया है। यही नहीं, प्रधानमंत्री मोदी पिछले चार दशकों में पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने पूर्वोत्तर परिषद की बैठक में भाग लिया है। प्रधानमंत्री कभी भी पूर्वोत्तर क्षेत्र की अनूठी संस्कृति, धरोहर एवं सौंदर्य को बढ़ावा देने का अवसर नहीं छोड़ते हैं और इसके साथ ही सबसे प्रभावशाली मंचों से इस बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं। प्रधानमंत्री के 75वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन के दौरान भी उन्होंने इस क्षेत्र में पर्यटन के सतत विकास के विशेष महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यदि पर्यटन एवं साहसिक खेलों की बात करें तो पूर्वोत्तर राज्यों में निश्चित रूप से व्यापक संभावनाएं हैं और इस विशिष्ट क्षमता का अधिकतम उपयोग करना अत्यंत आवश्यक है। इस विजन को आगे बढ़ाते हुए पर्यटन मंत्रालय पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन की पूर्ण क्षमता का अधिकतम उपयोग करने पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है। यही नहीं, पर्यटन मंत्रालय भारत की अनूठी सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक विरासत को देखने और भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ से जुड़े समारोह का हिस्सा बनने के लिए पूरी दुनिया के पर्यटकों को भारत आने हेतु आमंत्रित करने के लिए 15 अगस्त 2022 से ‘भारत यात्रा वर्ष’शुरू करने की योजना भी बना रहा है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रत्येक राज्य के पास पर्यटन स्थलों का खजाना है। इन अष्टलक्ष्मी राज्यों की तुलना अक्सर सुंदर प्राकृतिक परिदृश्यों वाले स्कॉटलैंड, न्यूजीलैंड और अन्य देशों के साथ की जाती है। मंत्रालय यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रहा है कि बाकी दुनिया पूर्वोत्तर क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से अवगत हो। यह सब एक संवेदनशील, जिम्मेदार और दीर्घकालिक तरीके से किया जाएगा ताकि इस क्षेत्र से संबंधित लोकाचारों और भावनाओं को बरकरार रखा जा सके। पूर्वोत्तर राज्यों में विकास पर ध्यान देने के साथ-साथ पर्यटन मंत्रालय द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र पर केन्द्रित हरित पर्यटन, इकोटूरिज्म, ग्रामीण पर्यटन और चाय बागान पर्यटन जैसे कई विशिष्ट पर्यटन थीम शुरू की जायेंगी। भारत में अब कोविड-19 के बाद के काल में सामान्य स्थिति की ओर लौटने के बारे में बातचीत हो रही है। ये बातचीत हमारे टीकाकरण अभियान की गति और उसकी व्यापकता के कारण ही संभव हो पा रही है। आज तक, हमने कोविड-19 से बचाव के टीके की 85 करोड़ से अधिक खुराकें दे दी हैं। यह हमारे प्रधानमंत्री के अथक प्रयासों के कारण ही संभव हो पाया है। यह पर्यटन क्षेत्र के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाला एक बहुत बड़ा कदम है और जनवरी 2022 से घरेलू यात्रियों के लिए पर्यटन क्षेत्र को खोलने के लिए एक ठोस आधार बनाता है। हमारा ध्यान पूर्वोत्तर क्षेत्र के विभिन्न समुदायों के कल्याण और समृद्धि के लिए पर्यटन को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने पर होगा।
जी. किशन रेड्डी पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, पर्यटन और संस्कृति मंत्री
सिकंदराबाद संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं
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