हिंदी साहित्य में कैरियर के व्यापक क्षेत्र विषय पर आयोजित कार्यशाला । उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्देशित ओरिएंटेशन कार्यक्रम के चौथे दिन की कार्यशाला को आयोजित किया गया। इस कार्यशाला में विद्यार्थियों को नई शिक्षा पद्धति के बारे में सतत जानकारी प्रदान की जा रही है साथ ही बताया जा रहा है वैकल्पिक और वोकेशनल कोर्सेज किस प्रकार विद्यार्थियों को अपना करियर बनाने में मदद कर सकते हैं | प्राचार्य. डॉ चौबे जी ने इस पर विस्तार से अपनी जानकारी दी | कार्यशाला के प्रमुख वक्ता डॉ. के.जी मिश्रा जो हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार हैं और वर्तमान में शा.नर्मदा महाविद्यालय होशंगाबाद में हिंदी के विभागाध्यक्ष हैं उन्होंने हिंदी साहित्य विषय को लेकर किस प्रकार और किस क्षेत्र में रोजगार प्राप्त किया जा सकता है इस विषय में जानकारी दी | उन्होंने बताया शुद्ध हिंदी लेखन वाले बहुत कम है ,अतः हिंदी साहित्य पढ़कर आप एक प्रखर वक्ता, बन कर, लेखक बनकर अपनी पहचान स्थापित कर सकते हैं |साहित्य मनुष्य का निर्माण करता है, मानवीय गुणों का विकास करता है साहित्य केवल रोजगार के लिए जरूरी नहीं वरन साहित्य मानसिक विकास भी करता है |
हिंदी साहित्य में कैरियर के व्यापक क्षेत्र विषय पर आयोजित कार्यशाला । उच्च शिक्षा विभाग द्वारा निर्देशित ओरिएंटेशन कार्यक्रम के चौथे दिन की कार्यशाला को आयोजित किया गया। इस कार्यशाला में विद्यार्थियों को नई शिक्षा पद्धति के बारे में सतत जानकारी प्रदान की जा रही है साथ ही बताया जा रहा है वैकल्पिक और वोकेशनल कोर्सेज किस प्रकार विद्यार्थियों को अपना करियर बनाने में मदद कर सकते हैं | प्राचार्य. डॉ चौबे जी ने इस पर विस्तार से अपनी जानकारी दी | कार्यशाला के प्रमुख वक्ता डॉ. के.जी मिश्रा जो हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार हैं और वर्तमान में शा.नर्मदा महाविद्यालय होशंगाबाद में हिंदी के विभागाध्यक्ष हैं उन्होंने हिंदी साहित्य विषय को लेकर किस प्रकार और किस क्षेत्र में रोजगार प्राप्त किया जा सकता है इस विषय में जानकारी दी | उन्होंने बताया शुद्ध हिंदी लेखन वाले बहुत कम है ,अतः हिंदी साहित्य पढ़कर आप एक प्रखर वक्ता, बन कर, लेखक बनकर अपनी पहचान स्थापित कर सकते हैं |साहित्य मनुष्य का निर्माण करता है, मानवीय गुणों का विकास करता है साहित्य केवल रोजगार के लिए जरूरी नहीं वरन साहित्य मानसिक विकास भी करता है |
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