कैबिनेट सचिव ने कोविड-19 प्रति सार्वजनिक स्वास्थ्य सहायता और टीकाकरण की प्रगति के बारे में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, किसी भी तरह की शिथिलता की कोई गुंजाइश नहीं: राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे कोविड-19 की स्थिति का बारीकी से विश्लेषण करें और बुनियादी ढांचे, चिकित्सा और मानव संसाधन में वृद्धि करें।, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने आगामी त्योहार के मौसम के लिए आवश्यक सावधानियों और महामारी किसी भी नए खतरे को रोकने के लिए रणनीति का विवरण दिया
नई दिल्ली, कैबिनेट सचिव श्री राजीव गौबा ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड प्रबंधन और राहत रणनीति की समीक्षा और चर्चा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण और नीति आयोग में सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल की उपस्थिति में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों, अपर मुख्य सचिवों (स्वास्थ्य), प्रधान सचिवों (स्वास्थ्य), नगर आयुक्तों, जिला अधिकारियों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को कल 2.5 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक प्रदान करने की ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं देते हुए, कैबिनेट सचिव ने स्वास्थ्य कर्मियों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, जिलाधिकारियों और राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि टीकों की खुराक की उपलब्धता में वृद्धि से टीकाकरण की गति बनी रहेगी। इस अवसर पर उन्होंने को यह याद दिलाते हुए कहा कि इस समय शिथिलिता के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कोविड उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) के नियम को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर उन्होंने कई अन्य देशों का उदाहरण दिया, जिन्होंने कोविड-19 की कई लहरों को देखा है। श्री गौबा ने देश के कुछ हिस्सों में कोविड की ऊंची पॉज़िटिव जांच रिपोर्ट आने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों को सलाह दी कि वे अपने इलाके में कोविड संक्रमण का बारीक विश्लेषण करें, अपने स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार करें, आवश्यक दवाओं का भांडारण करें और कोविड मामलों में किसी भी संभावित वृद्धि को रोकने के लिए मानव संसाधन को जल्द से जल्द बढ़ाएं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने 11 राज्यों में सीरोटाइप- II डेंगू की उभरती चुनौती के बारे में प्रकाश डाला, जो बीमारी के अन्य रूपों की तुलना में मामलों की अधिकता और अधिक जटिलताओं से जुड़ा है। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्यों को मामलों का जल्द पता लगाने, बुखार हेल्पलाइन के संचालन जैसे कदम उठाने चाहिए; जांच किटों, लार्विसाइड्स और दवाओं का पर्याप्त भंडारण; त्वरित जांच और आवश्यक जन स्वास्थ्य कार्रवाई जैसे बुखार सर्वेक्षण, संपर्क का पता लगाना, वेक्टर नियंत्रण के लिए त्वरित कार्रवाई दलों की तैनाती; रक्त और रक्त घटकों, विशेष रूप से प्लेटलेट्स के पर्याप्त भंडार को बनाए रखने के लिए ब्लड बैंकों को सचेत करना शामिल है। राज्यों से हेल्पलाइन, वेक्टर नियंत्रण के तरीकों, घरों में स्रोत में कमी और डेंगू के लक्षणों के संबंध में आईईसी अभियान चलाने का भी अनुरोध किया गया था।
स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का ध्यानाकर्षण करते हुए बताया कि 15 राज्यों में 70 जिले चिंता का कारण हैं क्योंकि इनमें से 34 जिलों में 10 प्रतिशत से अधिक नमूनों की जांच पॉज़िटिव है और 36 जिलों में 5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत की सीमा में कोविड नमूनों की जांच पॉज़िटिव आ रही है। आगामी त्योहारों के मौसम के मद्देनजर, राज्यों को सभी आवश्यक सावधानियों को सुनिश्चित करने और भीड़भाड़ वाले बंद स्थानों से बचने के लिए प्रभावी प्रवर्तन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है। मॉल, स्थानीय बाजारों और पूजा स्थलों के संबंध में मौजूदा दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। राज्यों से कोविड उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) और कोविड सुरक्षित उत्सवों को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी आईईसी शुरू करने का आग्रह किया गया। उन्हें सलाह दी गई थी कि वे सभी जिलों में दैनिक आधार पर कोविड मामलों की बारीकी से निगरानी करें ताकि प्रारंभिक चेतावनी संकेतों की पहचान की जा सके और प्रतिबंध लागू करना सुनिश्चित करें और सीएबी का पालन किया जा सके। पांच गुना कोविड रोकथाम रणनीति (परीक्षण, उपचार, निगरानी, टीकाकरण, कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन): प्रारंभिक पहचान के लिए सहायता के रूप में उन्नत परीक्षण, भविष्य के लिए तैयार करने के लिए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का विस्तार (ग्रामीण क्षेत्रों और बाल चिकित्सा मामलों को प्राथमिकता देना), संपर्क का पता लगाना, निगरानी और उच्च पॉज़िटिव मामलों की रिपोर्ट करने वाले समूहों में रोकथाम के उपाय और कड़ी कार्रवाई, सभी प्राथमिकता वाले आयु समूहों को वैक्सीन के साथ कवर करने पर ध्यान केंद्रित करना और देय लाभार्थियों के बीच दूसरी खुराक दिये जाने पर निरंतर ध्यान केंद्रित करना और कोविड-19 के प्रबंधन की कुंजी के रूप में स्थायी सामुदायिक सहायता प्रदान करने पर जोर दिया जाना ज़रूरी है। यह नोट किया गया कि अस्पताल के बुनियादी ढांचे में वृद्धि, ऑक्सीजन की उपलब्धता, महत्वपूर्ण दवाओं के अतिरिक्त भंडार का निर्माण, एम्बुलेंस सेवाओं और आईटी सिस्टम/ हेल्पलाइन/ टेलीमेडिसिन सेवाओं के कार्यान्वयन पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सभी राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को आपातकालीन कोविड राहत पैकेज के तहत धनराशि जारी कर दी गई है, जिसका तुरंत और बेहतर उपयोग किया जाना चाहिए। मुख्य सचिवों से जिला स्तर पर समीक्षा करने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया कि अनुमानित आवश्यकताओं के अनुरूप पर्याप्त चिकित्सा अवसंरचना और आपूर्ति तत्काल जुटाई जाए। इसके अलावा, निजी क्षेत्र की क्षमताओं का भी विधिवत आविष्कार किया जा सकता है और आवश्यकता के आधार पर तैनात किया जा सकता है।
कोविड मामलों में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए, राज्य के अधिकारियों से निम्नलिखित बातों पर ध्यान देने का आग्रह किया गया:
कोविड उपयुक्त व्यवहार का अनुपालन सुनिश्चित करें और उत्सवों को मनाने के समय कोविड-सुरक्षा नियमों का पालन करें। कोविड नमूनों की उच्च पॉज़िटिव जांच रिपोर्ट करने वाले समूहों में गहन नियंत्रण और सक्रिय निगरानी को लागू करना और प्रतिबंध लगाने में देरी नहीं करना। आरटी-पीसीआर अनुपात को बनाए रखते हुए जांच में वृद्धि, पीएसए संयंत्रों, ऑक्सीजन सिलेंडरों, कंसंट्रेटर्स और वेंटिलेटरों को शीघ्र चालू करना, पर्याप्त क्षमता के साथ तैयारी सुनिश्चित करने के लिए ईसीआरपी-II के प्राथमिकता कार्यान्वयन के लिए नियमित समीक्षा, कुछ राज्यों ने स्कूल खोल दिए हैं, इसे देखते हुए बच्चों में संक्रमण फैलने की निगरानी करें, टीकाकरण के बाद संक्रमित लोगों की निगरानी करें और उभरते सबूतों का विश्लेषण करें, जीनोम अनुक्रमण के लिए पर्याप्त नमूने भेजने सहित म्यूटेशन की निगरानी करें, टीकाकरण की गति और कवरेज में तेजी लाना, डेंगू और अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए आवश्यक उपाय करें
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