नयी दिल्ली, 01 सितम्बर, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए. के. मिश्रा ने आज कहा कि मानवाधिकारों के सम्मान और सुरक्षा के बिना लोकतंत्र जीवित नहीं रह सकता है। न्यायमूर्ति मिश्रा ने आयोग के 15 दिनों के अल्पकालिक ऑनलाइन इंटर्नशिप कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि मानव अधिकारों की अवधारणा कानूनी तौर पर उतनी नहीं है जितनी आध्यात्मिक संदर्भ, सामाजिक व्यवहार और प्रथाओं में निहित है। न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि भारत में केवल मानव ही नहीं बल्कि पारिस्थितिकी में मौजूद सभी प्राणियों सहित पूरे ब्रह्मांड के लिए सम्मान की एक लंबी परंपरा है। इसलिए यह आवश्यक है कि हम उन मूल्यों को विकसित करने का प्रयास करें, जो मानव अधिकारों को बढ़ावा देते हैं , उनकी रक्षा करते हैं, और उनका उल्लंघन नहीं करते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इंटर्न छात्र मानवाधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर इंटर्नशिप कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा दिए गए ज्ञान का सर्वोत्तम उपयोग करेंगे। इस इंटर्नशिप कार्यक्रम में देश भर से एक सौ दस छात्र इंटर्न भाग ले रहे हैं। उद्घाटन सत्र में महासचिव बिंबाधर प्रधान, महानिदेशक (अन्वेषण) संतोष मेहरा और श्रीमती अनिता सिन्हा, संयुक्त सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
गुरुवार, 2 सितंबर 2021
मानवाधिकारों के सम्मान और सुरक्षा के बिना लोकतंत्र नहीं : न्यायमूर्ति मिश्रा
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