बेतिया। आज रविवार 10 अक्टूबर को संत पेत्रुस महागिरजाघर में समारोही ख्रीस्तयाग के साथ, रोम धर्मप्रांत के सिनॉड का उद्घाटन किया गया। आगामी 17 अक्टूबर को पूरे विश्व के धर्मप्रांतों में स्थानीय स्तर पर सिनॉड का उद्घाटन होगा।इसकी तैयारी बेतिया धर्मप्रांत में शुरू कर दी गयी है।धर्म महासभा का उद्घाटन 17 अक्टूबर को संध्या 4:00 बजे बिशप पीटर सेवास्टियन गोबियस के द्वारा किया जाएगा। बता दें कि संत पापा फ्राँसिस ने 9 अक्टूबर को धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के उद्घाटन पर सिनॉड हॉल में चिंतन प्रार्थना में भाग लिया। 10 अक्टूबर को संत पेत्रुस महागिरजाघर में समारोही ख्रीस्तयाग के साथ, रोम धर्मप्रांत के सिनॉड का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर बताया गया कि सिनॉड के तीन शब्द हैं ˸ एकता, सहभागिता और मिशन। एकता और मिशन ईशशास्त्रीय शब्द हैं जो कलीसिया के रहस्य के बारे बतलाते हैं। द्वितीय वाटिकन महासभा ने स्पष्ट सिखलाया है कि एकता कलीसिया का स्वभाव है, जिसे "सभी लोगों के बीच मसीह और ईश्वर के राज की घोषणा करने एवं उसे स्थापित करने का मिशन प्राप्त है और वह पृथ्वी पर उस राज का बीज बोती और उसकी शुरुआत करती है।"
आगामी 16वीं धर्माध्यक्षीय धर्मसभा की विषयवस्तु है, "एक सिनॉडल कलीसिया के लिए ˸ एकता, सहभागिता एवं मिशन।” सिनॉडालिटी एक साथ चलने और एक-दूसरे को सुनने का संकेत देता है किन्तु सबसे बढ़कर पवित्र आत्मा को सुनने के लिए प्रेरित करता है। सिनॉड में सभी विश्वासी भाग ले सकें, इसी उद्देश्य से सुनने की प्रतिज्ञा के साथ, इसकी शुरूआत विश्वभर की स्थानीय कलीसियाओं में विश्वासियों के साथ हो रही है। यह सिनॉड 2 साल का है जिसकी शुरूआत 10 अक्टूबर 2021 को होगी और समापन अक्टूबर 2023 को होगा। इसके आलोक में आगामी 17 अक्टूबर को संध्या 4:00 बजे से धर्म सभा का भव्य उद्घाटन किया जाएगा। Cathedral of the Nativity of the Blessed Virgin Mary in Bettiah के प्रांगण में होगा। इसमें बेतिया धर्म प्रांत के सभी पल्ली से चार- चार प्रतिनिधि शामिल होंगे।बेतिया पल्ली परिषद के सदस्य एवं बेतिया धर्मप्रांत के सभी याजक, धर्मबहने तथा बेतिया ईसाई परिवार भाग लेंगे।मिस्सा बलिदान में भाग लेने वाले भक्तगण संबंधित बैच लगाकर आएंगे। इस अवसर पर समारोही मिस्सा होगा। समारोही मिस्सा के बाद चाय -नाश्ता का प्रबंध किया गया है। बाहर से आने वाले सभी लोगों के लिए भोजन का भी प्रबंध होगा। बेतिया ईसाई परिवार को विशेष प्रकार से निर्मित 'लोगो' को दिया जाएगा।सभी ईसाई परिवार अपने घरों में प्रतीक चिन्ह यानी लोगो लगाएंगे तथा शाम में अपने घरों में मोमबत्तियां जलाएंगे।
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