- कोविड-19 के समय राष्ट्र ने जो एकजुटता दिखायी, वही जज़्बा आगे भी कायम रहे - मेजर जनरल मनोज के बिंदल
- आपदा काल में बहु-क्षेत्रीय समन्वय पर केन्द्रित स्फीयर इंडिया ने जारी कीं छह पुस्तिकाएं
नयी दिल्ली, अक्टूबर 15 2021। कोविड-19 के समय राष्ट्र ने जो एकजुटता दिखायी, वही जज़्बा आगे भी देश को विभिन्न आपदाओं से बचाने के लिए जारी रखना होगा। इसके साथ ही “आज देश में आवश्यकता इस बात की है कि एक साझे लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने के लिए हमें साथ मिलकर काम करने, एक दूसरे का सहयोग करने और आपसी भागीदारी का दृष्टिकोण रखना होगा। यह बात राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM) की सहभागिता में स्फीयर इंडिया द्वारा अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस (आईडीडीआरआर दिवस) 2021 के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए एनआईडीएम के कार्यकारी निदेशक, मेजर जनरल मनोज के बिंदल ने कही। इस मौके पर आपदा काल में बहु-क्षेत्रीय समन्वय पर केन्द्रित स्फीयर इंडिया की छह पुस्तिकाएं जारी की गयीं। इन पुस्तिकाओं के बारे में बताते हुए स्फीयर इंडिया के सीईओ विक्रांत महाजन ने कहा कि -यह पुस्तिकाएं आपातकालीन प्रतिक्रिया के छह प्रमुख विषयगत क्षेत्रों स्वास्थ्य, आश्रय, शिक्षा, खाद्य और पोषण, जल और स्वच्छता और संरक्षण अधिनियम पर आधारित है जो आपात स्थितियों में लाभार्थियों के समन्वय के लिए एक नियमावली के रूप में भी काम करें
स्फीयर इंडिया के सीईओ श्री विक्रांत महाजन ने कहा कि खास तौर से आईआईडीडीआर के अवसर यह स्फीयर इंडिया के लिए एक मत्वपूर्ण लम्हा था जब समूची दुनिया के हितधारक और सहयोगी एक साथ आकर आपदाओं और आपदा जोखिमों को कम करने और किसी को पीछे नहीं छोड़ने की अपनी प्रतिबद्धताओं की समीक्षा करते । "भारत में इन पुस्तिकओं की शुरुआत राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर वैश्विक लक्ष्यों की फलित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।" यूनिसेफ इंडिया के डीआरआर अनुभाग के आपात काल विशेषज्ञ श्री सरबजीत सिंह सहोता ने कहा कि " यह पुस्तिका एक बड़े अंतर को पाटेगा और आपात काल प्रतिक्रिया में सामाजिक क्षेत्र की प्रासंगिकता को दर्शायेगा। ये पुस्तिकाएं विकास प्रोग्रामिंग और आपात काल प्रोग्रामिंग और इसमें सामाजिक क्षेत्रों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका के अंतर को स्पष्ट करती है। एनआईडीएम के प्रो. संतोष कुमार ने किसी भी कार्यक्रम के शुरुआती चरणों में सामुदायिक जुड़ाव की महत्ता पर जोर दिया। उन्होनें विशेष रूप से डीआरआर में समुदाय की जरूरतों को पूरा किये जाने और इसके जोखिम और कमजोरियों को कम करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि स्फीयर इंडिया और एनआईडीएम ने इन पुस्तिकाओं के निर्माण में इसका पालन किया है। इस कार्यक्रम में प्रमुख मानवीय एजेंसियों के प्रख्यात पैनलिस्ट भी शामिल थे, जिनमें प्रो अनिल के गुप्ता, एनआईडीएम; कमल किशोर, एनडीएमए; डेनियल गिलमैन, यूनोचा; एस.एन. प्रधान, एनडीआरएफ; मिस्टर टॉम व्हाइट, यूनिसेफ; ली मैक्वीन, एनसीडीएचआर; डॉ रजत जैन, डॉक्टर्स फॉर यू; डॉ रितु सिंह चौहान, डब्ल्यूएचओ; डॉ निधि पुंधीर, एचसीएल फाउंडेशन; मिस्टर जस्टिन जेबकुमार, हैबिटेट फॉर ह्यूमैनिटी, इंडिया, डॉ हिना हेजाज़ी, सीनियर प्रोग्राम मैनेजर, स्फीयर इंडिया और डॉ स्वेता बैद्य, कंसल्टेंट, एनआईडीएम आदि प्रमुख आदि प्रमुख थे।
एनआईडीएम के प्रो अनिल कु. गुप्ता ने खासतौर से इस बात का उल्लेख किया कि महामारी से पहले ही इन पुस्तिकाओं को विकसित करने के प्रयास शुरू किये जा चुके थे। यह स्फीयर इंडिया और एनआईडीएम द्वारा 20 से अधिक परामर्श बैठकों और कोविड -19 अकादमी वेबिनार के आयोजनों के करीब दो वर्षों के प्रयासों की परिणति हैं। "पुस्तिकाएं, डीआरआर पर पीएम के 10 सूत्रीय एजेंडे से सहबद्ध है,विशेष रूप से बिंदु 8 क्योंकि यह पहल स्थानीय क्षमताओं को विकसित करने की दिशा में सक्षम है"। सरकार के नेतृत्व में कोविड-19 के दौरान सभी हितधारकों की समन्वित प्रतिक्रिया के अनुभवों का उल्लेख करते हुए, श्री महाजन ने कहा- “इन पुस्तिकाओं और COVID-19 के अनुभवों के ज़रिये उपलब्ध इस तरह के मार्गदर्शन के साथ, हम भविष्य की आपदाओं के लिए खुद को तैयार कर सकते हैं और एक प्रभावी समन्वय तंत्र तुरंत स्थापित हो इसे सुनिश्चित करें ताकि हम और अधिक लोगों की जान बचा सके और उनके दुखों को कम करने में सक्षम हो। इसके साथ ही आपदा का जोखिम कम करने में मीडिया की भूमिका पर केंद्रित एक मीडिया गोलमेज सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। मीडिया गोलमेज सम्मेलन में श्री अनिल त्यागी, संपादक, जी-फाइल्स; श्री हिमांशु एस मिश्रा, वरिष्ठ संपादक, एनडीटीवी; श्री विजय सोनी, सहायक संपादक, ओपन मैगज़ीन (वेब); श्री दीपक पर्वतियार, मुख्य सलाहकार, इंडियन फेडरेशन ऑफ यूएन एसोसिएशन; श्री रोशन गौर, ब्यूरो चीफ, राष्ट्रीय सहारा; श्री संजय सिंह, वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व महासचिव, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने हिस्सा लिया। मीडिया पैनल का संचालन वरिष्ठ पत्रकार एवं इंडियन ऑब्जर्वर पोस्ट के मुख्य संपादक श्री ओंकारेश्वर पांडेय ने किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें