- प्रवासी मजदूरों की जिंदगी व रोजगार की सुरक्षा की मांग पर 20 अक्टूबर को राज्यव्यापी प्रतिवाद होगा.
पटना 18 अक्टूबर, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल और खेग्रामस महासचिव धीरेन्द्र झा ने संयुक्त बयान जारी करके जम्मू-कश्मीर में प्रवासी बिहारी मजदूरों की लगातार हो रही हत्याओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है और इसके लिए केंद्र व बिहार सरकार को जिम्मेवार ठहराया है. नेताओं ने कहा कि धारा 370 को खत्म करने के बाद घाटी की स्थिति और खराब हुई है. इससे अविश्वास का माहौल कायम हुआ है.इसलिए इन हत्याओं की जिम्मेवारी सीधे केंद्र सरकार की बनती है. बिहार के मजदूरों पर हमला कोई नई बात नहीं है. नीतीश जी ने कोविड काल में सभी प्रवासी मजदूरों को राज्य के अंदर ही रोजगार उपलब्ध कराने का वादा किया था, वे ऐसा तो नहीं कर सके, बिहार के बाहर काम रहे मजदूरों की सुरक्षा के प्रति भी तनिक चिंतित नहीं हैं. नतीजा यह है कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक बिहारी मजदूरों के उपर तरह-तरह के हमले लगातार हो रहे हैं. भाकपा-माले व खेग्रामस केंद्र व राज्य सरकार से सबसे पहले प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा की गारंटी की मांग करती है. ऐसे मजदूरों की सुरक्षा के लिए एक कानून बनाने की मांग लंबे समय से हो रही है, लेकिन सरकार उसे लगातार अनसुनी कर रही है. बिहार सरकार ने मृतक परिजनों को 2-2 लाख रु. की राशि देने की घोषणा की है. यह बेहद अपर्याप्त है. हमारी मांग है कि मृतक परिजनों के आश्रितों को कम से कम 20-20 लाख रु. का मुआवजा दिया जाए तथा परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए. नेताओं ने कहा कि इन मांगों पर आगामी 20 अक्टूबर को राज्यव्यापी प्रतिवाद आयोजित किया जाएगा.
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