पणजी, 23 अक्टूबर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एक तरह से आगामी गोवा विधानसभा चुनाव का डिजिटल माध्यम से शंखनाद करते हुए राज्य को विकास का ‘‘नया मॉडल करार’’ दिया और राज्य सरकार की जमकर सराहना करते हुए इस चुनावी राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए फिर से ‘‘डबल इंजन’’ के विकास की निरंतरता बनाए रखने का आह्वान किया। गोवा में अगले साल फरवरी में विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं, जहां सत्ता में बने रहने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला कांग्रेस से होना है। आम आदमी पार्टी के साथ ही पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस भी चुनावी मैदान में ताल ठोंकने को तैयार है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को घोषणा की कि वह 28 अक्टूबर को गोवा का दौरा करेंगी। उन्होंने भाजपा को पराजित करने के लिए सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को पार्टी से जुड़ने का आह्वान किया है।
‘आत्मनिर्भर भारत स्वयंपूर्ण गोवा’ कार्यक्रम के लाभार्थियों एवं हितधारकों के साथ डिजिटल माध्यम से संवाद करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘स्वयंपूर्ण गोवा’’ सामान्य जन की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को साकार करने का संकल्प और राज्य की माताओं, बहनों व बेटियों के स्वास्थ्य, सुविधा, सुरक्षा और सम्मान का भरोसा है। उन्होंने कहा, ‘‘स्वयंपूर्ण गोवा में युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोज़गार के अवसर और गोवा के समृद्ध भविष्य की झलक है। यह सिर्फ पांच महीने या पांच साल का एक कार्यक्रम भर नहीं है, बल्कि यह आने वाले 25 सालों के विजन का पहला पड़ाव है।’’ उन्होंने राज्य की जनता का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘इसके लिए गोवा को डबल इंजन के विकास की निरंतरता चाहिए। गोवा को अभी जैसी स्पष्ट नीति चाहिए, अभी जैसी स्थिर सरकार चाहिए, अभी जैसा ऊर्जावान नेतृत्व चाहिए। संपूर्ण गोवा के प्रचंड आशीर्वाद से हम स्वयंपूर्ण गोवा के संकल्प को सिद्ध करेंगे।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि गोवा के पास एक बहुत समृद्ध ग्रामीण संपदा और एक आकर्षक शहरी जीवन के साथ ही खेत-खलिहान और ब्लू इकॉनॉमी के विकास की संभावनाएं भी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए जो कुछ जरूरी है, वह गोवा के पास है। इसलिए गोवा का संपूर्ण विकास डबल इंजन की सरकार की बहुत बड़ी प्राथमिकता है। डबल इंजन सरकार गोवा के ग्रामीण, शहरी और कोस्टल इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दे रही है।’’ उन्होंने कहा कि गोवा का दूसरा हवाईअड्डा हो या लॉजिस्टिक हब का निर्माण हो, भारत का दूसरा सबसे बड़ा केबल-ब्रिज हो या हज़ारों करोड़ रुपए से राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हो, यह सब कुछ गोवा के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संपर्क को नए आयाम देने वाले हैं। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर यह उम्मीद भी जताई कि कोविड-19 रोधी टीका कार्यक्रम जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, वैसे-वैसे यहां पर्यटन में वृद्धि होगी और इससे अर्थव्यवस्था को ताकत मिलेगी।
गोवा को भारत की अर्थव्यवस्था और पर्यटन क्षेत्र का प्रमुख केंद्र बताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल में केंद्र सरकार ने पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए गोवा को हर तरह से सहयोग दिया है और वहां पर्यटन केंद्रों की स्थापना के लिए भी उसकी मदद की है। उन्होंने कहा, ‘‘अब देश ने भी 100 करोड़ टीकों की खुराक का आंकड़ा पार कर लिया है। इससे लोगों में, पर्यटकों में विश्वास बढ़ा है। अब जब आप दीवाली, क्रिसमस और नव वर्ष की तैयारी कर रहे हैं, तो त्योहारों और छुट्टियों के इस मौसम में गोवा के पर्यटन क्षेत्र में नई ऊर्जा देखने को मिलेगी। गोवा में स्वदेशी और विदेशी, दोनों पर्यटकों की आवाजाही भी निश्चित तौर पर बढ़ने वाली है। यह गोवा की टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए बहुत शुभ संकेत है।’’ राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि गोवा ने केंद्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन भी बहुत अच्छे ढंग से किया है। उन्होंने कहा कि भारत ने खुले में शौच से मुक्ति का लक्ष्य रखा तो गोवा ने शत-प्रतिशत यह लक्ष्य हासिल किया। इसी प्रकार देश के हर घर को बिजली से जोड़ने, हर घर जल अभियान में और गरीबों को मुफ्त राशन देने के मामले में गोवा ने शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया। उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं की सुविधा और सम्मान के लिए जो योजनाएं केंद्र सरकार ने बनाई हैं, उनको गोवा सफलता से जमीन पर उतार भी रहा है और उनको विस्तार भी दे रहा है। चाहे टॉयलेट्स हों, उज्ज्वला गैस कनेक्शन हों या फिर जनधन बैंक अकाउंट हों, गोवा ने महिलाओं को ये सुविधाएं देने में बेहतरीन काम किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गोवा यानी आनंद, गोवा यानी प्रकृति, गोवा यानी पर्यटन। लेकिन आज मैं ये भी कहूंगा-गोवा यानी विकास का नया मॉडल। गोवा यानी सामूहिक प्रयासों का प्रतिबिंब। गोवा यानी पंचायत से लेकर प्रशासन तक विकास के लिए एकजुटता।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि गोवा में राजनीतिक अस्थिरता ने राज्य के विकास को बहुत नुकसान पहुंचाया है। राजनीतिक स्थिरता के फायदे गिनाते हुए उन्होंने कहा कि आज गोवा नए आत्मविश्वास से आगे बढ़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मेरे मित्र स्वर्गीय पर्रिकर जी ने गोवा को तेज विकास के जिस विश्वास के साथ आगे बढ़ाया, उसको मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की टीम पूरी ईमानदारी से नई बुलंदियां दे रही है।’’ गोवा में बहुत बड़ी संख्या में छोटे किसानों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इनमें से अधिकांश तो फल-सब्जियों पर निर्भर हैं या फिर मछली के व्यवसाय से जुड़े हैं और इन छोटे किसानों, पशुपालकों व मछुआरों को आसान बैंक ऋण एक बहुत बड़ी चुनौती थी। उन्होंने कहा कि इसी परेशानी को देखते हुए किसान क्रेडिट कार्ड की योजना का विस्तार किया गया है और पशुपालकों और मछुआरों को पहली बार इससे जोड़ा गया है। साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि से भी गोवा के किसानों को बहुत बड़ी मदद मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे ही प्रयासों के कारण सिर्फ एक वर्ष के भीतर ही गोवा में फल-सब्जियों के उत्पादन में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। दूध का उत्पादन भी 20 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा है।’’ ज्ञात हो कि गोवा में एक अक्टूबर 2020 को शुरू की गई स्वयंपूर्ण गोवा की पहल प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' के आह्वान से प्रेरित थी। इस कार्यक्रम के तहत, राज्य सरकार के एक अधिकारी को 'स्वयंपूर्ण मित्र' के रूप में नियुक्त किया जाता है। यह मित्र एक नामित पंचायत या नगरपालिका का दौरा करता है, लोगों के साथ संवाद करता है, विभिन्न सरकारी विभागों के साथ समन्वय करता है और यह सुनिश्चित करता है कि विभिन्न सरकारी योजनाएं एवं लाभ पात्र लाभार्थियों के लिए उपलब्ध हों। इस अवसर पर, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी मौजूद थे।
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