नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर, हेक्टर गार्सिया और फ्रांसेस्क मिरालेस ने इकिगाई पर अपनी पुस्तक की अगली कड़ी लिखी है जो इस अवधारणा के सभी पहलुओं को खोजने और सशक्त बनाने का प्रयास करती है जिसका अर्थ जापानी में 'जीने का एक कारण' है। टटल पब्लिशिंग द्वारा प्रकाशित, "द इकिगाई जर्नी: ए प्रैक्टिकल गाइड टू फाइंडिंग हैप्पीनेस एंड पर्पज द जापानीज वे" का वितरण भारत में पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया द्वारा किया जा रहा है। यह 12 अक्टूबर को बाजार में उतरेगी। कहा जाता है कि जापान के लोग दुनिया में सबसे लंबा जीवन जीते हैं और यहां सबसे बड़ी संख्या में 100 साल से ऊपर के लोग हैं - जिनमें से कई अपनी खुशी और दीर्घायु के आधार के रूप में इकिगाई की अपनी मजबूत भावना का हवाला देते हैं। कई "स्व-देखभाल" प्रथाओं के विपरीत, जिसके लिए अत्यधिक व्यस्त दुनिया में अलग से समय देने की आवश्यकता होती है, इकिगाई पद्धति एक व्यस्त जीवन में शांति और तृप्ति पाने में मदद करती है। लेखक अपनी पुस्तक को "एक उपकरण के रूप में बयां करते हैं जो आपके अतीत को समझने में आपकी मदद करके आपके भविष्य में क्रांति ला सकता है ताकि आप अपने वर्तमान को जिस तरह से चाहें जी सकें।” अपनी पहली पुस्तक "इकिगाई: द जापानीज सीक्रेट टू ए लॉन्ग एंड हैप्पी लाइफ" में, उन्होंने इकिगाई की अवधारणा की खोज की, लेकिन पाठक के लिए एक महत्वपूर्ण प्रश्न छोड़ दिया था: "अपना इकिगाई कैसे खोजें?" इस दूसरी किताब में उन्होंने इसी सवाल का जवाब देने की कोशिश की है।
रविवार, 10 अक्तूबर 2021
दूसरी कड़ी लेकर हाजिर हैं 'इकिगाई' के लेखक
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