रोम, 30 अक्टूबर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह यहां वेटिकन सिटी पहुंच कर ईसाइयों के सर्वाेच्च धर्मगुरू पोप फ्रांसिस से बहुत गर्मजोशी से मुलाकात की और उन्हें भारत की यात्रा के लिए आमंत्रित किया। श्री मोदी स्थानीय समयानुसार करीब साढ़े आठ बजे वेटिकन के प्रांगण में पहुंचे जहां वेटिकन के वरिष्ठ अधिकारियों से उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। श्री मोदी के साथ आये प्रतिनिधिमंडल विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शामिल थे। बाद में श्री मोदी ने जब पोप से मुलाकात की तो पोप ने उन्हें गले लगा लिया। दोनों के चेहरों में गहरी आत्मीयता, परस्पर सम्मान और प्रेम की भावना झलक रही थी। श्री मोदी सबसे पहले पोप से एकांत में मिले और फिर प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में शामिल हुए जिसमें वेटिकन के विदेश मामलों के मंत्री कार्डिनल पीत्रो पैरोलिन और वेटिकन के विदेश संबंध मंत्री आर्कबिशप पॉल रिचर्ड गालागेर शामिल थे। वेटिकन की परंपरा के अनुसार पोप के साथ किसी भी राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष की बैठक का कोई पूर्व निर्धारित एजेंडा तय नहीं होता है। बैठक के बाद श्री मोदी ने कहा कि पोप फ्रांसिस के साथ बहुत ही अच्छी मुलाकात रही। उन्होंने अनेकानेक मुद्दों पर बात की और उन्हें भारत आने काे निमंत्रित किया। वेटिकन के प्रेस कार्यालय ने एक वक्तव्य में कहा कि बातचीत में वेटिकन और भारत के बीच सौहार्द्र पूर्ण संबंधों पर बातचीत हुई।
सूत्रों ने बताया कि यह बैठक करीब 20 मिनट के लिए तय थी लेकिन यह करीब एक घंटे तक चली। प्रधानमंत्री एवं पोप के बीच सामान्य वैश्विक परिदृश्य एवं मुद्दों तथा अन्य तमाम विषयों पर अच्छी चर्चा हुई। जलवायु परिवर्तन एवं गरीबी उन्मूलन जैसे ऐसे मुद्दों पर बातचीत हुई जिससे विश्व बेहतर बनता है। सूत्रों के अनुसार कोविड महामारी एवं स्वास्थ्य संबंधी विषयों तथा शांति एवं स्थिरता बरकरार रखने के लिए विश्व के विभिन्न देशों के मिलजुल कर काम करने के तरीके पर भी बातचीत हुई। सूत्रों ने बताया कि श्री मोदी ने पोप को भारत आने का निमंत्रण दिया। इससे पहले 1999 में पोप जाॅन पॉल द्वितीय भारत आये थे। श्री माेदी ने पोप को चांदी की कैंडलस्टिक तथा पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता पर एक पुस्तक भेंट की। पोप ने श्री मोदी को एक कांस्य पट्ट भेंट किया जिस पर लिखा था -रेगिस्तान एक गुलिस्तान बनेगा’। पोप ने आबूधाबी में वहां के प्रधान इमाम अल अज़हर के साथ 04 फरवरी 2019 को विश्व शांति दिवस पर मानव बंधुत्व पर एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये थे, यह उसी दस्तावेज का अंश है। श्री मोदी सर्वोच्च धर्मगुरू से मिलने वाले पांचवे भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी, श्री इंद्र कुमार गुजराल और श्री अटल बिहारी वाजपेयी पोप से मिल चुके हैं। 1999 में श्री वाजपेयी ने पोप जॉन पॉल द्वितीय से मुलाकात की थी। पोप का वर्ष 2016-17 में भारत एवं बंगलादेश की यात्रा का कार्यक्रम था लेकिन किन्हीं कारणों से उनकी यात्रा नहीं हो पायी थी।
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