- इथेनॉल लक्ष्य के लिए भारत को सराहा
वाशिंगटन, 27 अक्टूबर, अमेरिका के नौ सीनेटरों के एक समूह ने राष्ट्रपति जो बाइडन को पत्र लिख कर देश के ऊर्जा एवं जलवायु एजेंडे के प्रमुख समाधान के रूप में जैव ईंधन को बढ़ावा देने का आग्रह किया और कहा कि इस संबंध में इथेनॉल के लिए लक्ष्य निर्धारित करने के भारत के प्रयास उत्साहजनक हैं। सीनेटर के समूह ने एक पत्र में लिखा, ‘‘ राष्ट्रपति जी, जैव ईंधन आसानी से उपलब्ध एक ऊर्जा समाधान है, जो न केवल ईंधन की कीमतों में हालिया वृद्धि को रोकने में मदद करने, बल्कि आपके ऊर्जा एवं पर्यावरण एजेंडा के हिस्से के रूप में परिवहन संबंधी उत्सर्जन में कमी के मूलभूत स्रोत के रूप में कार्य करने के लिए पूर्ण विचार के योग्य है।’’ कृषि, पोषण एवं वानिकी पर सीनेट समिति के पुराने सदस्य सीनेटर जॉन थ्यून की अगुवाई में, रिपब्लिकन पार्टी के नौ सांसदों ने दोनों मोर्चों पर काम करने के लिए अमेरिकी कृषि की पूरी क्षमता का उपयोग करने का बाइडन प्रशासन से आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘ विस्तारित जैव ईंधन के उपयोग के लाभ एक देश तक सीमित नहीं रहते और हम भारत जैसे देशों को ऊर्जा की जरूरतों तथा पर्यावरणीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इथेनॉल के उच्च मिश्रण की क्षमता की पहचान करते देख उत्साहित हैं। भारत ने 2022 तक 10 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण का और 2025 तक इथेनॉल दर 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।’’ समूह ने कहा कि यह न केवल अमेरिकी किसानों और जैव ईंधन उत्पादकों के लिए एक आशाजनक निर्यात बाजार का सुझाव देता है बल्कि इस बात को रेखांकित करता है कि पूरे ‘इलेक्ट्रिक ग्रिड’ का जीर्णोद्धार किए बिना परिवहन संबंधी उत्सर्जन को कम करने के लिए जैव ईंधन का तुरंत लाभ कैसे उठाया जा सकता है। सीनेटर समूह ने कहा, ‘‘ हम अपने प्रशासन से ग्लासगो, स्कॉटलैंड में आगामी पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी26) सहित ऊर्जा, पर्यावरण और व्यापार पर अपनी अंतरराष्ट्रीय पहुंच के हिस्से के रूप में जैव ईंधन को शामिल करने का आग्रह करते हैं।’’
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