बैठकों में समय पर उपस्थित होना सुनिश्चित करें
कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने समस्त विभागों के जिलाधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए निर्देश दिए है कि बैठकों में समय पर उपस्थित होना सुनिश्चित करें, किन्ही कारणो से अधिकारी स्वंय उपस्थित नहीं हो पाते है तो उनके अधीनस्थ अधिकारी समुचित जानकारियों सहित बैठक में उपस्थित होना सुनिश्चित करें। खासकर लंबित आवेदनों की समीक्षा बैठक के दौरान किसी भी प्रकार की विलम्बता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
समितियों पर खाद उपलब्धता विवरण का प्रदर्शन होगा
कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव ने निर्देश जारी किए है जिले की सभी सहकारी समितियों पर उपलब्ध विभिन्न प्रकार के खादो के स्टॉक का विवरण प्रदर्शित किया जाएगा। जिसमें संबंधित खाद के विक्रय दर का भी उल्लेख किया जाएगा। कलेक्टर श्री भार्गव ने कॉ-आपरेटिव बैंक के सीईओ श्री विनय प्रकाश सिंह को ततसंबंध में निर्देश दिए है कि प्रत्येक समिति पर खाद जिसमेंं यूरिया डीएपी तथा एनपीके के स्टाफ की समुचित जानकारी प्रदर्शित की जाए ताकि संबंधित कृषक को खाद खरीदी कार्य में किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना ना करना पडें।
डीएपी उर्वरक के विकल्पों का उपयोग करने की सलाह
किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के उप संचालक श्री पीके चौकसे ने जिले के कृषक भाईयों को रबी मौसम में अपनी फसलों को संतुलित पोषक तत्व प्रदान करने हेतु कृषि वैज्ञानिकों द्वारा डीएपी उर्वरक के स्थान पर अन्य विकल्पों का उपयोग करे की अपील की है। डीएपी (डायअमोनियम सल्फेट) उर्वरक में 18 प्रतिशत नाइट्रोजन 46 प्रतिशत फास्फोरस होता है। नाइट्रोजन तथा फास्फोरस दोनो की पूर्ति हेतु किसान भाई फसलों में इस उर्वरक का उपयोग कई वर्षो से करते आ रहे है। परन्तु यदि डीएपी के स्थान पर एनपीके (12ः32ः16) का उपयोग किया जाता है तो नाइट्रोजन फास्फोरस के साथ-साथ पोटॉश की मात्रा भी मिल जाती है जो दाने में चमक लाता है वजन बढाता है पौधो को रोगो से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। अतः जिले के किसान भाईयों से रबी मौसम में अपनी फसलों में डीएपी उर्वरक के स्थान पर एनपीके विकल्प के रूप में अधिक से अधिक उपयोग करने की सलाह दी गई है। किसान भाई एवं कृषि उर्वरक विशेष जैसे डीएपी पर आश्रित ना रहकर कृषि वैज्ञानिकों की सलाह अनुसार उपरोक्त संयोजन में से किसी एक का संयोजन का चयन कर अपनी फसलों को आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति कराना सुनिश्चित करें। इसके अलावा खेतो में मिट्टी की जांच कराएं। प्रयोगशाला द्वारा दी गई सिफारिश अनुसार ही उर्वरक का उपयोग करें। भूमि की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए गए मार्गदर्शन अनुसार गोबर खाद, कम्पोस्ट खाद, वर्मी खाद का उपयोग अवश्य करें।
सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार आदि लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें- सीएमएचओ
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एपी सिंह ने सलाह दी है कि किसी भी व्यक्ति को सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, भूख न लगना, दस्त लगना आदि के लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। आमतौर पर देखा गया है कि मरीज घर पर ही पारंपरिक उपचार लेते रहते है। ठीक होने की उम्मीद में 5 से 7 दिन गुजार देते है, जिससे स्वास्थ्य लाभ होने के बजाय उनकी बीमारी और बढ़कर जटिल हो जाती है। ऐसे लोंगो को अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में अगर कोविड-19 की जांच पॉजीटिव आती है तो उपचार और जटिल हो जाता है। ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट या आईसीयू में भर्ती कर उपचार करना पड़ता है। ऐसी बीमारियों से प्रभावित व्यक्तियों को सलाह दी है कि उन्हें सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, हाथ-पैरों में दर्द, शरीर में ऐठन, भूख न लगना, खाने व सूघंने में स्वाद का पता न लगना आदि लक्षणों के आते ही वे तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। अथवा कोविड-19 की जांच करवाकर समय रहते उपचार लेकर स्वस्थ हों। कोरोना के दृष्टिगत ऐसे व्यक्ति भीड़-भाड़ में न जायें, आपस में दो गज की दूरी बनाकर रखें। हाथों को सैनेटाइज करते रहना अथवा हाथों को साबुन से धोते रहने जैसी आवश्यक सावधानी बरतें।
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