मधुबनी : मिथिला का छेत्र अपने लोक कला और लोक त्योहार के लिए काफ़ी प्रसिद्ध है, और उन्ही लोक पर्वों में एक पर्व सामा चकेवा है। भाई बहन के औदूटिए प्रेम, पर्यावरण के प्रति सजगता के साथ साथ महिला स्वचतंडता जैसे कई पहलुओं को समेटे हुए है। परंतु आज के शहरीकरण व पलायन के कारण यह पर्व विलुप्ति के कगार पे है। इनहि बातों से प्रेरणा लेके २ घुमक्कर और दी अंडिस्कवर्ड के गार्गी मनीष और आशीष कौशिक ने सट्टूज के सचिन कुमार के साथ एक लघु फ़िल्म बना रहे है जिसका उद्देश्य मिथिला की विलुप्त होती विरासत और संस्कृति को पुनर जीवित करना और जन मानस में लोकप्रिय बनाना है । पिछले ३-४ दिनो से इनकी टीम मिथिला के अलग अलग गाँव में जाके इस लोक पर्व के विभिन्न पहलुओं को अपने कैमरे और ड्रोन के माध्यम से फ़िल्मा रहे है। इसमे अर्जुन राय, चन्दा भंडारी, रौशन रौनक, रंजीत राय, प्रभात रंजन, राहुल ठाकुर, सेजल कारक व काजल सिंह ने बतौर अभीनेता काम किया है इसे जल्द ही ९ दिन चलने वाले सामा चकेवा के दौरान पटना में दिखाई जाएगी।
मंगलवार, 9 नवंबर 2021
मधुबनी : मिथिला की विलुप्त होती विरासत पर लघु फिल्म
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