- पृथ्वीश्वर महादेव, खजूरी का हुआ भव्य श्रृंगार, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
- अन्नकूट महोत्सव में विधि-विधान से पूजन-अर्चन के बाद की गयी महाआरती
- बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भंडारा में प्रसाद ग्रहण किया गया
वाराणसी (सुरेश गांधी) शहर के खजूरी रोड स्थित बाबा पृथ्वीश्वर महादेव मंदिर में विराजमान देवाधिदेव महादेव का रविवार को सायंकाल भव्य श्रृंगार किया गया। इस मौके पर महादेव का मनमोंहक श्रृंगार कर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। घंटा-घड़ियाल के बीच भगवान शंकर की आरती उतारी गई। समिति द्वारा आयोजित मंदिर में अन्नकूट महोत्सव के दौरान बाबा को विभिन्न प्रकार की मिठाईयों के 56 भोग लगाया गया। इसके बाद भंडारा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर में सुबह से ही महादेव के दर्शन-पूजन को आस्थावानों की भीड़ लगनी शुरु हो गई थी। कोरोना काल में सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए भक्त दर्शन पूजन कर रहे थे। हाथ में पूजा सामग्री लिए श्रद्धालु कतारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे। समय की गति के साथ मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ भी बढ़ती जा रही थी। मान्यता है कि बाबा के दर्शन मात्र से ही समस्त शारीरिक कष्ट दूर हो जाते हैं। भक्तों की सारी मनोकामना बाबा के आशीर्वाद से पूर्ण होती है। इस अवसर पर सूबे के स्टांप शुल्क पंजीयन राज्यमंत्री रवीन्द्र जायसवाल, संजय शुक्ला सोनू, भाजपा के महामंत्री जगदीश त्रिपाठी, त्रिपुरारी मिश्रा पुरु, पार्षद मदन मोहन दुबे, महंत माताप्रसाद, संजय पांडेय, प्रमोद सिंह, इंद्रजीत सिंह, विनय सिंह, विकास दुबे, आलोक देव मिश्रा, नंदकुमार वर्मा आदि मौजूद थे।
दर्शनमात्र से ही पूरी हो जाती है भक्तों की मनोकामनाएं
कहते है मंदिर में महादेव की स्थापना मार्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के पूर्वज पृथु ने की थी। इसीलिए मंदिर का नाम पृथ्वीश्वर पड़ा है। इन्हें भगवान शिव के बड़े भाई के रुप में भी जाना जाता है। बाबा पृथ्वीश्वर महादेव मंदिर बाबा खजूरी में है। मंदिर के पुजारी माता प्रसाद मिश्र का का कहना है कि पृथ्वीश्वर महादेव की स्थापना हजारों वर्ष पूर्व भगवान राम के पूर्वज राजा पृथु ने की थी। भगवान भोलेनाथ ने जब पंचक्रोशी यात्रा शुरू की थी तो बाबा पृथ्वीश्वर महादेव का दर्शन कर उन्हें अपना बड़ा भाई माना था। इसका वर्णन काशी खंड में धर्मसम्राट स्वामी करपात्री महाराज द्वारा किया गया है। मंदिर में पृथ्वीश्वर महादेव का शिवलिंग विराजित है। इसके अलावा रामजानकी का मंदिर, हनुमान जी, मां विंध्यवासिनी, मां काली, मां शीतला के विग्रह भी मौजूद हैं। यहां हर वर्ष श्रावण माह में अंतिम सोमवार को बाबा का भव्य हरियाली हिम व रुद्राक्ष शृंगार किया जाता है। इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि बाबा के दर्शन मात्र से ही समस्त शारीरिक कष्ट दूर हो जाते हैं। भक्तों की सारी मनोकामना बाबा के आशीर्वाद से पूर्ण होती है। यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। पंचक्रोस यात्रियों की भी यहां जलाभिषेक के लिए भीड़ होती है। पुजारी का कहना है कि बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ ने इन्हें अपना बड़ा भाई माना और पंचकोसी पथ देखने निकले तो पृथ्वीश्वर महादेव का दर्शन कर आगे बढ़े। इसका उल्लेख पुराणों में भी है। पुजारी का कहना है कि बाबा पृथ्वीश्वर महादेव का मंदिर जागृत है। उनके दर्शन के लिए दूर-दराज से भक्तगण मनोकामना पूर्ति के लिए आते हैं।
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