प्रतापगढ़/26 नवम्बर, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिाकरण के निर्देशानुसार संविधान दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव महोदय (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रतापगढ़) श्रीमती रश्मि आर्य द्वारा एशिया पेसिफिक कोन्वेंट (एपीसी) उच्च माध्यमिक विद्यालय, प्रतापगढ़ में विधिक सेवा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के प्रारम्भ में श्री हिमांशु चावला-न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय, प्रतापगढ़ द्वारा संविधान निर्मात्री सभा, संविधान निर्माण, संविधान निर्माण में लगने वाला समय एवं प्रस्तावना के विषय में परिचयात्मक जानकारी देते हुए उपस्थित बच्चों को बताया कि संविधान निर्माण में 02 वर्ष 11 माह एवं 18 दिन का समय लगा और यह 26 नवम्बर 1949 को तैयार किया जाकर राष्ट्र को समर्पित किया गया तथा इसके पश्चात् 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया। इसलिए 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लम्बा लिखित संविधान है।
कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, सुश्री शहनाज़ खान लोहार द्वारा उपस्थित बच्चों को बताया गया कि प्रस्तावना के अनुसार हमारा देश एक सम्प्रभुतासम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य है। संविधान द्वारा भारत के नागरिकांे को मौलिक अधिकार एवं कर्त्तव्य प्रदान किये गए हैं। मौलिक अधिकार वे अधिकार हैं जो जन्म के साथ ही हमें मिलते हैं जैसे समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरूद्ध अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार, सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार एवं संवैधानिक उपचारों का अधिकार। इसके साथ ही बच्चों को यह भी बताया गया कि 42वें संविधान संशोधन द्वारा भाग 4ए जोड़ा गया और मूल कर्त्तव्यों का समावेश किया गया है जिनमें संविधान का पालन, उसके आदर्शाें, संस्थाओं, राष्ट्रगान तथा राष्ट्रध्वज का आदर, स्वतंत्रता के लिये हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखना और उनका पालन करना, भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना और उसे अक्षुण्ण रखना, देश की रक्षा करना और आव्हान किये जाने पर राष्ट्र की सेवा करना, भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना निर्माण करना, हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परम्परा का महत्व समझना तथा सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षित रखना और हिंसा से दूर रहना आदि शामिल हैं। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, प्रतापगढ़ श्री अंकित दवे द्वारा विद्यार्थियों को संविधान दिवस व विधि दिवस (लॉ दिवस) के विषय में जानकारी प्रदान की गई तथा बालकों को संविधान के लचीले स्वभाव के विषय में भी बताया गया जिसमें आवश्यक होने पर परिवर्तन किया जाना संभव है। शिविर में श्रीमती रश्मी आर्य, सचिव जिला विधिक सेवा प्रधिकरण (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) प्रतापगढ़ द्वारा बच्चों को यह जानकारी दी गई कि मौलिक अधिकारों के बिना मूलभूत कर्त्तव्य तथा मूलभूत कर्त्तव्यों के बिना मौलिक अधिकारों का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि कर्त्तव्य तथा अधिकार दोनों का एक-दूसरे के पूरक हैं। श्रीमान् सचिव महोदय द्वारा बच्चों को यह भी बताया गया कि माता-पिता एवं गुरूजनों का सम्मान करना और उनकी बात को मानना भी हमारा कर्त्तव्य है और इसके बिना जीवन में सफलता प्राप्त किया जाना संभव नहीं है। कार्यक्रम के ंअंत में सचिव जिला विधिक प्राधिकरण द्वारा उपस्थित विद्यार्थियों को संविधान की प्रस्तावना का वाचन करवाया गया एवं शपथ दिलाई गई।
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