जिलाधिकारी मधुबनी की कलम से!
हम सभी दिवस किसी न किसी विशेष उद्देश्य से मनाते हैं। बाल दिवस का मनाया जाना भी एक विशेष उद्देश्य को समर्पित है। एक ऐसा उद्देश्य जिससे हम सभी किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं। दरअसल बाल दिवस हम सभी को हमारे समाज के बालक बालिकाओं की स्थिति पर सार्थक चिंतन करने का मौका प्रदान करता है। वैसे तो हम सभी कभी न कभी बालपन से गुजरते हैं और इस दौरान आने वाली हर कठिनाइयों का सामना भी करते आए हैं। परंतु, बदलते वक्त के साथ हम सभी व्यस्क बन जाते हैं और बालमन की दुविधाओं से आगे बढ़ जाते हैं। बालमन संरक्षण खोजता है। न केवल घर के अंदर बल्कि अपने परिवेश में भी। उनके लिए सभी अपने होते हैं, बिना किसी ऊंच नीच और भेद भाव के। उनकी बातें, उनके सरोकार व्यस्कों से कितने अलग होते हैं, ये हम सभी अपने बालपन को याद कर सहज समझ सकते हैं। ऐसे में बाल दिवस हमें अपने घर सहित पास पड़ोस के बालक बालिकाओं के प्रति अपने नजरिए को परखने का मौका प्रदान करता है। बालक, विशेष रूप से बालिकाओं की शिक्षा और अन्य अधिकारों के प्रति सजग होने का। यदि हम सभी अपने परिवेश में बालक बालिकाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करना अपना कर्तव्य समझ लें, तो आने वाले कल में एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं। आज जिले के अंतर्गत विभिन्न विद्यालय और आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ साथ कई सरकारी और गैरसरकारी संस्थाएं बालक बालिकाओं को बेहतर भविष्य देने की दिशा में कार्यरत है। तो आइए भी बाल दिवस के मौके पर अभी भूमिका का रेखांकन करें। हमारा ये कदम पंडित जवाहरलाल लाल नेहरू जी के सपनो को साकार करने की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम होगा।बाल दिवस की अशेष शुभकामनाएं!
धन्यवाद!
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