- अपर पुलिस आयुक्त सुभाष चन्द्र दूबे होंगे पूरे आयोजन के पुलिस व्यवस्था प्रभारी
- पूरे आयोजन की ड्रोन से निगरानी की जाएगी , नाविक देर रात तक गंगा में नाव न चलाएं
- छोटी सी चूक बड़ी घटना का कारण बन सकती है जिससे बचना होगा
वाराणसी (सुरेश गांधी) विश्व विख्यात देव दीपावली को सकुशल संपंन कराने के लिए पुलिस संकल्पित है। इस बाबत मंगलवार को अपर पुलिस आयुक्त सुभाष चन्द्र दूबे ने पुलिस टीम के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों पर गहन मंत्रणा की। इसके बाद सुरक्षा के उपायों के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया। बता दें, देव दीपावली आयोजन के लिए अपर पुलिस आयुक्त सुभाष चन्द्र दूबे को पूरे आयोजन को लेकर पुलिस व्यवस्था का प्रभारी बनाया गया है। देव दीपावली की तैयारी के मद्देनजर भेलूपुर क्षेत्र स्थित होटल में नाविक, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच हुई बैठक में कई बिंदुओ पर चर्चा करने के बाद सुभाष चन्द्र दूबे ने बताया कि देव दीपावली को सकुशल संपंन कराने के लिए पुलिस प्रशासन की तरफ से तैयारियां पूरी कर ली गयी है। कंट्रोल रूम से सभी गतिविधियों की निगरानी भी रखी जाएगी। इस बाबत घाटों की सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन, जल पुलिस पीएसी, एनडीआरएफ की तैनाती, नावों की सुरक्षा रिवर पेट्रोलिंग, निर्बाध यातायात, पार्किंग, बैरियर, रुट डायवर्जन, वीआईपी आगमन पर फ्लीट व्यवस्था, पुलिस व्यवस्थापन और ब्रीफिंग, पुलिस का उत्तम व्यवहार, कंट्रोल रूम, गोताखोर, रेस्क्यू आपरेशन, क्यूआरटी, घाट पर भवन किला और होटल सर्वे, सोशल मीडिया पर सक्रियता आदि दायित्वों का निर्वहन उनकी तैयारियों में प्रमुख है।
उन्होंने कहा कि नौका संचालन के दौरान नाव में लाइफ जैकेट सहित सुरक्षा उपकरण आवश्य रखें। सैलानियों को किराए को लेकर कोई समस्या न हो। नाव में यात्रियों की क्षमता और लाइसेंस नंबर गहरे लाल या हरा रंग से लिखवाने का निर्देश, पहचान पत्र लगाकर रहे, वरना नाव को अनुमति नहीं दी जाएंगी। ’जल बैरिकेडिंग’ गहरे पानी के बोर्ड (सूचना निर्देशिका) प्रबंध नगर निगम की ओर से किया जाए। उन्होंने बताया कि आयोजन के दौरान कोई भी चालक अथवा नाविक नशे में न हो और वह अपना आचरण ठीक रखे। नाविक किसी प्रकार की प्रतिस्पर्धा न करें। नाव में किसी भी प्रकार का दीपक न जलाए, ताकी तेल फैलने से कोई घटना न हो। एडीसीपी सुभाष चंद्र दुबे ने कहा कि छोटी सी चूक बड़ी घटना का कारण बन सकती है जिससे बचना होगा। ध्यान रखें कि नाव की गति नहीं बढ़ानी है। प्रमुख घाटों पर एनडीआरएफ ड्यूटी फिक्स किया जाएगा। मादक पदार्थ की जांच की जाएगी और पूरे आयोजन की ड्रोन से निगरानी की जाएगी। नाविकों के नौका संचालन को समय पर खत्म करने को लेकर निर्देश दिया गया है कि वे देर रात तक गंगा में नाव न चलाएं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें