बिहार : तेजस्वी ने नीतीश सुशील मोदी पर हमला बोला - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 29 नवंबर 2021

demo-image

बिहार : तेजस्वी ने नीतीश सुशील मोदी पर हमला बोला

.com/img/a/
पटना : बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के नीति आयोग वाले बयान पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि डेढ़ दशक तक नीतीश कुमार संग बिहार को गरीबी, पलायन और बेरोजगारी की गहरी अंधेरी खाई में धकेलने वाले ये महाशय कह रहे है कि ‘गीदड़ को शेर का मुखौटा लगा दो, वह शेर बन जाएगा’। विदित हो कि बीते दिन सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि नीति आयोग यदि इस आधार पर कोई रैंकिंग रिपोर्ट जारी करे कि सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून-व्यवस्था और प्रति व्यक्ति आय जैसे मानकों पर किसी राज्य ने 10 साल में कितनी प्रगति की है, तो इसमें बिहार सबसे आगे होगा। आयोग को राज्यों से परामर्श कर विकास की गति मापने वाले नये पैमाने बनाने चाहिए। सुमो ने कहा था कि नीति आयोग की जिस रिपोर्ट का हवाला दिया जाता है, वह एक तो 2015-16 के छह साल पुराने आंकड़ों पर आधारित है। दूसरे वह रिपोर्ट देश के पंजाब-गुजरात जैसे सम्पन्न राज्यों, गोवा-उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों और बिहार-उड़ीसा जैसे पिछड़े राज्यों की भिन्न आर्थिक-भौगोलिक परिस्थितियों का कोई आकलन नहीं करती। नीति आयोग को आबादी, संसाधन और क्षेत्रफल जैसे आधार पर राज्यों का वर्गीकरण करना चाहिए। फिर प्रत्येक वर्ग की प्रगति का आकलन करते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए कि दस साल पहले वह राज्य दस मुख्य मानकों पर कहां खड़ा था। राज्यों के आकलन की नयी पद्धति विकसित होनी चाहिए।

कोई टिप्पणी नहीं:

undefined

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *