मेदिनीनगर, नौ नवंबर, झारखंड के पलामू बाघ अभयारण्य (पीटीआर) में वर्षों बाद सोमवार को एक युवा बाघ देखा गया जिसके बाद वनकर्मियों में खुशी की लहर दौड़ गयी। पीटीआर के क्षेत्रीय निदेशक कुमार आशुतोष ने पीटीआई-भाषा को मंगलवार को बताया कि सोमवार शाम अभयारण्य में एक युवा बाघ दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र अधिकारी तरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में वनरक्षियों के दल ने इस बाघ को उस वक्त देखा जब वह सड़क पार कर रहा था। उन्होंने कहा कि अभयारण्य में वर्षों बाद बाघ दिखने से वन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच खुशी की लहर व्याप्त है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा भारत में मौजूद बाघों की संख्या में पलामू बाघ अभयारण्य में एक भी बाघ पाए जाने का उल्लेख नहीं था। झारखंड उच्च न्यायालय ने हाल में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि जब पीटीआर में कोई बाघ है ही नहीं तो उसे बाघ अभयारण्य कहने का क्या अर्थ है? आशुतोष ने बताया कि मेदिनीनगर-महुआडांड़ मार्ग में बाघ को वन दल ने लगभग दस फुट की दूरी से देखा जो आराम से सड़क को पार कर एक जंगल से दूसरे जंगल में चला गया। बाघ को देखते ही वनकर्मियों ने अपनी गाड़ियों को बंद कर दिया और उसके जाने के मार्ग पर नजर रखी। वन्यकर्मियों का यह दल नियमित गश्त पर था। निदेशक ने बताया कि आज सुबह से बाघ के मलमूत्र-पदचिह्न को संकलित करने के लिए दक्ष वनरक्षियों को उसके आवागमन के रास्ते पर तैनात कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह अभयारण्य देश में वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम (1972) के तहत उस समय से बाघों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में सक्रिय है जब देश में एक साथ नौ बाघ परियोजनाओं को क्रियान्वित किया गया था। राज्य के लातेहार जिला अंतर्गत आने वाला पीटीआर कुल 1129.93 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है और इसी के भीतर देश का एकमात्र ‘भेड़िया अभयारण्य’ भी है, जहां फिलहाल लगभग सौ भेड़िए हैं। यह अभयारण्य महुआडांड़ प्रखण्ड के 63.256 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। पीटीआर में कुल 174 प्रजातियों के पक्षी एवं 47 प्रजातियों के स्तनपायी जानवर पाए जाते हैं और इसके भीतर स्थित बेतला राष्ट्रीय उद्यान को गत एक अक्टूबर से आम लोगों के लिए खोला गया है।
मंगलवार, 9 नवंबर 2021
पलामू बाघ अभयारण्य में वर्षों बाद दिखा बाघ
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