नौ दिसंबर तक वानखेड़े के खिलाफ न ट्वीट करूंगा न बयान दूंगा : नवाब मलिक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 25 नवंबर 2021

नौ दिसंबर तक वानखेड़े के खिलाफ न ट्वीट करूंगा न बयान दूंगा : नवाब मलिक

will-not-tweet-nine-days-nawab-mallik
मुंबई, 25 नवंबर, महाराष्ट्र में मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि वह स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े, उनके पिता और परिवार के सदस्यों के खिलाफ मामले के सुनवाई की अगली तारीख, नौ दिसंबर तक कोई ट्वीट नहीं करेंगे और न ही सार्वजनिक रूप से बयान देंगे। अदालत ने मंत्री से पूछा था कि क्या उन्होंने वानखेड़े की जातीय पहचान के खिलाफ अपने आरोपों के संबंध में जाति संवीक्षा समिति के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है और यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया है कि तो फिर 'मीडिया में प्रचार' के पीछे क्या मंशा है। अदालत ने कहा कि मंत्री को यह चीज शोभा नहीं देती। अदालत की इस टिप्पणी पर मलिक ने उक्त आश्वासन दिया। मलिक की ओर से पेश वकील कार्ल तम्बोली ने न्यायमूर्ति एस. जे. कथावाला और न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की पीठ के समक्ष बयान दिया। अदालत ने कहा कि वह अगली सुनवाई तक मंत्री को वानखेड़े के खिलाफ सार्वजनिक टिप्पणी करने से रोकने के लिए एक आदेश पारित करना चाहती है। पीठ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि मलिक ने द्वेष में आकर ट्वीट किये थे। उच्च न्यायालय ने सवाल किया, 'मंत्री ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं? हम यह जानना चाहते हैं। यह द्वेष के अलावा और कुछ नहीं है। कृपया शब्दकोश में द्वेष का अर्थ पढ़ें।' पीठ, समीर वानखेड़े के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उच्च न्यायालय की एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी गई है। एकल पीठ ने 22 नवंबर को मलिक को वानखेड़े और उनके परिवार के खिलाफ अपमानजनक बयान देने से रोकने से इनकार कर दिया था।

कोई टिप्पणी नहीं: