पटना : बिहार की आर्थिक अपराध इकाई की सिफारिश पर 2007 बैच के IPS मोहम्मद शफीउल हक को सरकार ने निलंबित कर दिया। EOU ने उनके खिलाफ डीआईजी के पद पर रहते हुए अपने मातहत कनीय अफसरों से उगाही संबंधी मामले की जांच की थी और गृह विभाग को रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें डीआईजी पर उगाही के लिए जदयू अध्यक्ष ललन सिंह का नाम लिये जाने की भी बात सामने आई थी। जानकारी के अनुसार रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उगाही के लिए डीआईजी कुछ कनीय अफसरों का इस्तेमाल बतौर एजेंट किया करते थे। इसमें सहायक अवर निरीक्षक मोहम्मद उमरान और एक अन्य निजी व्यक्ति का नाम सामने आया। EOU ने यह भी रिपोर्ट दिया कि सहायक अवर निरीक्षक उमरान के गड़बड़झाले की उन्हें पूरी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे मामले में उनकी सहभागिता साबित होती है। EOU ने पूरे मामले की जांच के दौरान बिहार पुलिस के एक अन्य अधिकारी हरिशंकर कुमार और आईपीएस मानवजीत सिंह ढिल्लो की भी गवाही दर्ज की। मामला तब सामने आया जब डीआईजी ने हरिशंकर कुमार से 15 लाख रुपये की डिमांड की और इसके लिए जदयू अध्यक्ष ललन सिंह का नाम लिया। हरिशंकर कुमार ने डीआईजी से उनकी हुई बातचीत रिकार्ड कर ली और जानकारी ललन सिंह को दे दी। ललन सिंह ने रिकार्डिंग मुख्यमंत्री को भेजी जिन्होंने डीजीपी को जांच का आदेश दिया।
गुरुवार, 2 दिसंबर 2021
बिहार : उगाही में फंस गए DIG साहब, जांच के बाद सस्पेंड
Tags
# बिहार
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
बिहार
Labels:
बिहार
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें