बेतिया. समाज में महिलाओं को दोयम दर्जा का समझा और व्यवहार किया जाता है.परंतु आज की महिलाएं हर स्तर पर खुद को श्रेष्ठ साबित करने में लगी हुई हैं. पुरूष से एक पैसा भी कम नहीं,बल्कि बराबरी की चुनौती देने का माद्दा रखती हैं. बेतिया जिले के समाजसेवी आनंद सिरिल सेराफिम कहते हैं कि स्व.केरोबिन सेराफिम (ADM, रांची) और माता स्व.तेरेसा सेराफिम (गृहिणी) के पुत्र हैं सुभाष सेराफिम.समाजसेवी आनंद सिरिल सेराफिम कहते हैं कि मेरे बड़े पापा स्व.केरोबिन सेराफिम हैं.उनके सबसे छोटे बेटे सुभाष सेराफिम अर्थात् मेरे बड़े भाई और मेरे गुरु भी हैं,जो वर्तमान में हैदराबाद में NABARD के Assistant General Maneger के पद पर आसीन हैं.पूर्व में 1990 के दशक में वे St. Xavier College Ranchi में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर भी थे.जहां उन्होंने मुझे यानी आनंद सिरिल को पढ़ाया भी है.मेरे बड़े भाई सुभाष सेराफिम और भाभी मधु शर्मा(सेवा निवृत्त बैंक अधिकारी) की दो बेटियां हैं.जिनमें बड़ी पुत्री लवीना (MBA+service) की शादी जगशीष से हुई है. छोटी बेटी स्वरिका सेराफिम (MBA+ service ).सर्विस में हैं.उनकी सगाई हो चुकी है. समाजसेवी आनंद सिरिल सेराफिम कहते हैं कि आज मेरे बड़े भाई सुभाष सेराफिम की दोनों किडनी खराब हो गई थी और उनकी जिंदगी समाप्त होने पर आ चुकी थी.तब मेरी छोटी बहन और उनकी छोटी बेटी स्वरिका सेराफिम ने अपनी किडनी देकर न केवल एक मिसाल कायम किया है बल्कि बाप और बेटी के प्यार और त्याग को सार्थक कर दिया है.इसके लिए उसकी जितनी भी तारीफ की जाए वह कम होगी.
सोमवार, 6 दिसंबर 2021
बिहार : आज की महिलाएं हर स्तर पर खुद को श्रेष्ठ साबित करने में लगी
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