शासकीय नर्मदा महाविद्यालय होशंगाबाद के हिंदी विभाग में आज 6 दिसंबर को अशुद्धि संशोधन विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें दैनंदिन जीवन में उच्चारण और लेखन के स्तर पर होने वाली अशुद्धियों के निवारण हेतु प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. के. जी. मिश्र ने अपने व्याख्यान में कहा कि हमारी शिक्षा का विस्तार परिमाणात्मक रूप में हुआ है किंतु गुणात्मक रूप में नहीं। अब हमारी जिम्मेदारी है कि अपनी चीज की हिफाजत करें ।अपनी भाषा की शुद्धता को बनाए रखें । सही लिखने और पढ़ने से हमारी सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ती है और सम्मान होता है, उन्होंने वर्णगत, अर्थगत ,शब्दार्थ गत और वाक्यगत अशुद्धियों को शुद्ध करने हेतु पी पी टी प्रेजेंटेशन द्वारा विस्तृत रूप में बहुप्रयुक्त त्रुटियां और उनके संशोधन प्रस्तुत किए ।प्रभारी प्राचार्य डॉ. बी. सी. जोशी ने हिंदी के व्याकरणिक पक्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जितना उच्चारण साफ होना चाहिए उतनी स्पष्टता और स्वच्छता से हमें लिखना भी सीखना होगा। प्राध्यापक डॉ . एच. एस. द्विवेदी ने छात्र छात्राओं के प्रश्नों के उत्तर देते हुए कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा के साथ मातृभाषा भी है इसलिए हमें उसके मानक रूप को उपयोग करना चाहिए। डॉ. हंसा व्यास ने बताया कि भारत एक बहुभाषी देश है जिसमें एक ही शब्द को अपनी अपनी भाषा और बोली के अनुसार उच्चरित किया जाता है किंतु सार्वजनिक क्षेत्र में मानक शब्दों का उच्चारण और लेखन किया जाना आवश्यक है कार्यक्रम में डॉ. कल्पना विश्वास, डॉ अर्पणा श्रीवास्तव सक्रिय रूप से उपस्थित रहीं । तकनीकी सहयोग अश्विनी यादव और सुयश मिश्र का रहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ अंजना यादव ने और आभार प्रीति कौशिक ने व्यक्त किया। कॉन्फ्रेंस हॉल में बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
मंगलवार, 7 दिसंबर 2021
अशुद्धि संशोधन पर कार्यशाला आयोजित
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