- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील मेरी काशी को अच्छी चीज बताएं, बड़ा लालपुर स्थित पं. दीनदयाल हस्तकला संकुल में अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन, अपने शहर का जन्म दिन मनाएं, स्वच्छता को नित्य का अभियान बनाएं, अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी।, जो शहर नहीं दे रहे स्वच्छता पर ध्यान उनकी भी तैयार हो सूची
वाराणसी (सुरेश गांधी) शहरी विकास विभाग, उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में शुक्रवार को बड़ा लालपुर स्थित पं. दीनदयाल हस्तकला संकुल में अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। प्रधानमंत्री ने वाराणसी से लोकसभा सदस्य होने के नाते सभी महापौरों का स्वागत किया। इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के 120 महापौर भाग लिया। सम्मेलन का विषय ‘नया शहरी भारत’ है। उद्घाटन कार्यक्रम में शहरी विकास कार्यों पर एक लघु फिल्म भी दिखायी गयी। इस दौरान विभिन्न राज्यों के महापौर को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन शहरों की सूची तैयार किए जाएं, जिन्होंने स्वच्छता अभियान की तरफ आंखें मूंद ली हैं। जबकि ‘स्वच्छता’ में उत्कृष्ट शहर को पुरस्कार देने की जरुरत है। मोदी ने कहा कि कि देश को क्रांति की बजाय विकास की जरूरत है और विकास के रास्ते पर चलते हुए देश के इतिहास को संरक्षित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि काशी में विकास देश के कई अन्य शहरों के लिए एक रोडमैप बन सकता है। हमारे अधिकांश शहर पारंपरिक शहर हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पारंपरिकता व विकास को एक साथ आगे बढ़ाया जा सकता है। विरासत व विकास एक साथ चाहिए। उन्होंने कहा कि आप सभी महापौर अपने कार्यकाल में अपने शहर को कुछ न कुछ देना ही चाहते होंगे ताकि आने वाले समय में पांच, दस, पचास साल बाद जब कोई आपके शहर में आए तो कहे कि फलां महापौर थे तो यह कार्य किया। मन में यह सपना, संकल्प रहना चाहिए। इसके लिए जी जान से जुडना चाहिए। जनता ने हम पर विश्वास किया है तो हमें पूरा करना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि आप सभी इसके लिए प्रयास करते ही होंगे। पीएम ने कहा कि इवाल्यूशन में विश्वास करें। आज रिवाल्यूशन का काम नहीं। तोड़ना-फोड़ना हमारा काम नहीं। पुरातन को सहेजते हुए नयापन लाएं। प्रधानमंत्री ने महापौरों से आग्रह किया कि स्वच्छता को सालाना अभियान न बनाएं। हर माह स्पर्द्धा आयोजित करें। शहर के वार्डों में स्पर्धा होगी तो टोटल इफेक्ट पूरे शहर को बदलने में कारगर होगा। स्वच्छता का महत्व है तो सौंदर्यीकरण भी जरूरी है। इसके लिए वार्ड ब्यूटी कंटीशन कर सकते हैं। हर नगर अपना रिव्यू करे। देखे, दुकानों को कैसे रंगा गया है। दुकानों के बोर्ड कैसे लगे हैं। पते कैसे लिखे हैं। शहरों में बढ़ती जनसंख्या, जाम के कारण समस्या आ रही है। कितने भी फ्लाईओवर बना दें। सूरत में हर सौ मीटर पर फ्लाई ओवर मिल जाता है। फ्लाईओवर सिटी बन गई है। यह सामाधान नहीं है। मेट्रो पर काम हो रहा है। इसके आलावा भी बहुत चीजें है। इन चीजों को महात्म्य न समझंगे तो नहीं हो सकता।
ईमानदारी से काम करने वालों का भी सम्मान
प्रधानमंत्री ने केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी से कहा कि ’स्वच्छता’ में उत्कृष्ट शहरों को पुरस्कार देने के साथ ही स्वच्छता के क्षेत्र में ईमानदारी से प्रयास करने वालों को भी सम्मानित किया जाना चाहिए। साथ ही जिन शहरों में स्वच्छता के क्षेत्र में काम नहीं हो रहा है, उनकी सूची बनाई जाए और संबंधित राज्यों को सौंपी जाए।
इससे बढ़ेगा जनता का दबाव
मोदी ने कहा कि सवच्छता के प्रति जो शहर बिलकुल आंख बंद करके बैठ गए हैं, उनकी सूची बनाकर संबंधित राज्यों में इस संबंध में विज्ञापन जारी किए जाएं। उन्होंने कहा कि इससे जनता का दबाव इतना बढे़गा कि हर कोई काम करने के लिए बाध्य होगा।
पूरे देश में चल रहा अभियान
मोदी ने कहा, ‘‘पूरे देश में स्वच्छता अभियान चल रहा है। पूरे देश में हर वर्ष स्वच्छ शहर की घोषणा होती है। मैं देख रहा हूं कि कुछ ही शहरों ने इसमें अपनी जगह बनाई है, लेकिन बाकी शहर निराश होकर बैठ जाएं, यह मानसिकता नहीं होनी चाहिए। आप सभी महापौर संकल्प करें कि अगली बार स्वच्छता की प्रतिस्पर्धा में आपके शहर किसी से पीछे नहीं रहें।
काशी का विकास रोडमैप
प्रधानमंत्री ने महापौर सम्मेलन के लिए बनारस को चुनने पर शहरी विकास मंत्रालय व प्रदेश सरकार को धन्यवाद दिया। कहा बाबा का आशीर्वाद जुड़ेगा तो कुछ न कुछ नया प्राप्त कर सभी पूरी उमंग को साथ अपने अपने नगर को लौटेंगे। मैं कई संभावनाओं को एक साथ देख रहा हूं। बनारस प्राचीन नगरी और नए भारत की रूपरेखा है। अभी काशी में मैंने कहा था, काशी का विकास पूरे देश के लिए रोडमैप बन सकता है। हमारे देश में ज्यादातर देश पारंपरिक तरीके से विकसित हैं। इन शहरों की प्राचीनता में बहुत महत्वपूर्ण है। हर गली, हर पत्थर, हर पल से इतिहास की हर तवारीख से कुछ न कुछ सीख सकते हैं। हम अपने जीवन की प्रेरणा बना सकते हैं। विरासत को सहेज सकते हैं। लोकल को शहर की पहचान बना सकते हैं। मोदी ने कहा, ‘‘काशी का विकास पूरे देश के लिए विकास का रोडमैप हो सकता है। काशी की अर्थव्यवस्था में मां गंगा का बहुत बड़ा हाथ है। इसी तरह हमें अपने-अपने शहरों में नदियों को महत्व देना चाहिए। ’’हमें अपने शहर में हर साल 7 दिन के लिए नदी उत्सव मनाना चाहिए। उसमें पूरे शहर को जोड़िए। इस उत्सव में नदी की सफाई, उसकी विशेषता पर फोकस किया जाए। हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि हमारा शहर स्वच्छ हो और स्वस्थ हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास कई ऐसे शहर हैं जो किसी न किसी नदी के तट पर बसे हैं। कालक्रम में ये नदियां तबाह हो गयी हैं। हम सभी को अपने शहरों की नदी के प्रति एक संवेदनशील अप्रोच अपनानी होगी।’’
काशी के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे
पीएम मोदी ने कहा, ’’काशी में हो रहे अखिल भारतीय मेयर सम्मेलन कार्यक्रम को मैं कई संभावनाओं के साथ जोड़कर देख रहा हूं। एक ओर बनारस जैसा दुनिया का सबसे प्राचीन शहर का साथ और दूसरी ओर आधुनिक भारत के आधुनिक शहरों की रूपरेखा। हमारे देश में ज़्यादातर शहर पारंपरिक शहर ही हैं और पारंपरिक तरीके से ही विकसित हुए हैं। आधुनिकीकरण के इस दौर में हमारे इन शहरों की प्राचीनता भी उतनी ही अहमियत है।’’ काशी के गंगा घाट पर दुनियाभर के पर्यटक आते हैं। काशी की अर्थव्यवस्था को चलाने में माता गंगा को बहुत बड़ा योगदान है।
मेयर का पद राजनीति में आगे बढऩे का अवसर
पीएम ने कहा कि मेयर का पद राजनीति में आगे बढऩे का बड़ा अवसर देता है। उन्होंने सरदार पटेल का उदाहरण दिया कि कैसे वे पहले मेयर थे और बाद में भारतीय राजनीति के पुरोधा पुरुष बने। पीएम ने अपील की कि देश भर के जो मेयर इस सम्मेलन में आए हैं वे अपने यहां किए गए अच्छे कार्य को साझा करें। वे सीखना चाहते हैं और काशी में उसे लागू करना चाहता हैं। पीएम ने कहा कि सीखने के क्रम में मैं पहला विद्यार्थी बनना चाहूंगा। आपके सुझाव से मुझे मेरी काशी में काम करने में बल मिलेगा। इसे काशी में लागू करूंगा। मैं आप लोगों से सीखना चाहता हूं। देश के मेयर हमारे काशीवालों को कुछ सीखाएं।
एक जिला, एक उत्पाद को बढ़ाए
उन्होंने एक जिला एक उत्पाद को बढ़ाने की अपील की। उदाहरण दिया कि जैसे बनारसी पान का हर जगह नाम है। वैसे ही कहीं खेलकूद का साधन बन रहा है कहीं कुछ और। हमें इसे बढ़ावा देना है। पीएम ने बनारसी साड़ी का भी उदाहरण दिया। बोले, हिंदुस्तान के किसी भी कोने में शादी हो लोग बनारसी साड़ी चाहते हैं। पटना, हैदराबाद, चेन्नई में भी कोई न कोई चीज बढिय़ा है। यही हमारे लिए सबसे बड़ी ताकत है। यानी शहरों का विकास को एक नए स्तर पर हमें ले जाना है। आप देखते हैं शहरों में बढ़ती हुई जनसंख्या ट्रैफिक जाम से जूझती रहती है। हम फ्लाईओवर का जाल कितना भी बना दें पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को ठीक करना होगा। जब तक हम इन चीजों पर ध्यान नहीं देंगे जीवन सहज नहीं होगा।
दिव्यांगजनों का रखें ख्याल
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी नजर में दिव्यांगजनों के लिए जो भी आवश्यक होगा वे करेंगे। कोई भी नई इमारत बनेगी, रास्ता बनेगा वे सुगम भारत योजना के अंतर्गत उनके लिए सुविधा का प्रबंध कराएंगे। चाहे रास्ते हो या शौचालय, बस में चढऩे-उतरने का जो भी स्टैंड होगा वहां इनकी सुविधा का ख्याल रखा जाएगा।
हमारा शहर, हमारी अर्थव्यवस्था का हिस्सा
पीएम ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा हमारा शहर है। उसके लिए ध्यान देना होगा। जहां पर नए उद्योग लग सकते हों वहां ऐसा करना होगा। मजदूरों के लिए वहां पर ही आवास की व्यवस्था करें।
पटरी व्यवसायियों की चिंता करें
पीएम ने कहा कि देश भर के मेयर पीएम स्वनिधि की चिंता करें। ’मैं सभी मेयर से इतना संवाद किया हूं, हो सकता है सब चीज आप कर सकें या न कर सकें। लेकिन एक काम अगर आप करेंगे आपको बहुत सुख मिलेगा और संतोष मिलेगा और वह है पीएम स्वनिधि योजना। बोले, आप भली भांति जानते हैं हर शहर में पटरी वाले होते हैं। माइक्रो इकोनामी में ये बहुत बड़ी ताकत होते हैं पर सबसे उपेक्षित रहते हैं। साहूकार से महंगे ब्याज पर पैसा लेता हैं और उसे ही चुकाने में परेशान रहते हैं। यह पीएम स्वनिधि योजना इनके लिए ही है। इनको मजबूत करिए।
कोरोना काल से सबक लें
पीएम ने याद कराया कि छोटे कामगारों ने कैसे लोगों की कोरोना काल में मदद की। कोरोना काल में अच्छे-अच्छे लोगों ने देख लिया कि इनके बिना जीना मुश्किल है। बोले-’दो दिन सब्जी वाला नहीं आया, अखबार वाला नहीं है, सफाई वाला नहीं है तो हम परेशान होते थे। इनके भरोसे हमारे जिंदगी चलती है। कोरोना ने उनकी ताकत का एहसास करा दिया। हम इनको कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे। इनकी मुसीबतों को हम हमेशा देखेंगे। उन्होंने ’न्यू अर्बन इंडिया विषय पर देश भर के मेयर से अपील की कि वे अपने निगम क्षेत्र में रेहड़ी-पटरी वालों को समृद्ध बनाएं। आप अपने नगर निगम की लिस्ट बनाइए और मोबाइल पर लेन देन का काम सीखा दीजिए। इनसे डिजिटल ट्रांजेक्शन कराया जाए तो बैंक इनकी ज्यादा मदद कर सकेंगे। इनके उन्नयन से शहर का विकास होगा।
मेयर लें संकल्प
पीएम ने उपस्थित मेयरों से कहा कि काशी की धरती से मां गंगा के तट पर आप संकल्प लेकर जाइए कि 26 जनवरी से पहले हम स्वनिधि के लिए काम करेंगे। अगर इनका बैंक का खाता खुल जाएगा, इनको डिजिटल की ट्रेनिंग दी जाएगी तो देखते-देखते डिजिटल का कारोबार बढ़ेगा और हो सकेगा तो इनको शून्य ब्याज पर ऋण उपलब्ध हो जाएगा। शहरों के विकास के लिए हमें विरासत भी चाहिए और विकास भी।
किसी घटना से जुड़ी रंगोली बनाई जाए
आजादी का अमृत महोत्सव में तीन बातें कही गयीं हैं जो सामान्य आदमी कर सकता है। रंगोली महोत्सव, इसमें आजादी की किसी न किसी घटना से जुड़ी रंगोली बनाई जाए। इसे गणतंत्रत दिवस तक करें। आजादी के लिए आपके शहर में घटित घटनाओं पर रंगोली स्पर्धा हो। राज्य व देश की घटनाओं पर प्रतिस्पर्धा हो। माताओं बहनों को जोड़ कर लोरी प्रतियोगिता कर सकते हैं। इसमें इतिहास बताने के साथ भावी भारत कैसा होगा, उज्जवल भारत की लोरी सुनाए। सौवें साल का संकल्प जताएं।
झोले का उपयोग करें
पीएम ने सीधा सवाल किया कि सिंगल यूज प्लास्टिक के संबंध में हम अपने नगर में कितने सजग हैं। दुकानदारों को समझाएं, लोगों को बताएं कि हम इसका एकदम उपयोग न करेंगे। गरीब की बनाई अखबार की थैलियां उपयोग में लाएं। झोला लेकर बाजार जाएं। अब तो दुनिया भर में सर्कुलर इकोनामी का बात हो रही है। इस पर प्रतियोगिता हो सकती है। वेस्ट से प्रोडक्ट बनाकर इसकी प्रदर्शनी लगाएं। वेस्ट मैनेजमेंट से रेवेन्यू माडल बन सकता है। सूरत में सीवेज ट्रीटमेंट से कमाई हो रही है। ऐसा कई अन्य शहर भी कर रहे हैं। सीवेज का पानी रियूज करें। इसे सिचाई में काम ला सकते हैं। आरोग्य के लिए प्रिवेंटिव चीजों पर काम न करेंगे तो चाहे जितने अस्पताल बनाएं कम पड़ जाएंगे। प्रयास हो कि हमारा शहर सबसे स्वच्छ रहे।
जनभागीदारी से हो विकास
शहर का विकास भी जनभागीदारी से होना चाहिए। एनसीसी की यूनिट से बात करें, आंबेडकर, भगत सिंह, सुभाषचंद्र बोस, शिवाजी समेत जितने भी स्टेच्यू लगे हों उनसे जोड़ें। इन्हें लगाते समय हम खूब तामझाम करते हैं फिर भूल जाते हैं। क्या हम एनसीसी कैडेट्स की टोलियां बना कर उनकी सफाई कर सकते हैं। जो बच्चे एकत्र होंगे उन पर सफाई के बाद भाषण करेंगे। इससे बच्चों को अपने देश की विभूतियों के बारे में भी जानकारी होगी और जुड़ाव भी बढ़ेगा। ये चीजें छोटी हैं, लेकिन बदलाव की ताकत रखती हैं। आपके शहर में आजादी की महोत्सव आया है तो क्या एक चौराहा, एक सर्किल जहां से चार छह रास्ते निकलते हैं, वहां जनभागीदारी से स्मारक बना सकते हैं जो आजादी के गौरव, भविष्य को दिखाए। डिजाइन बनवाएं, उसके लिए भी कंपटीशन हो। इससे आप जीवन की यादगार छोड़ कर जाएंगे। ऐसी बहुत चीजें हैं जिस पर बल देंगे।
व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए हुआ विकास- सीएम योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ’’पिछले सात सालों में काशी ने विकास के नए मापदंड स्थापित किए। सात साल पहले जो लोग काशी आए वो आज काशी को नहीं पहचान पाते, क्योंकि 2014 के पहले काशी में बिना किसी प्लान के केवल अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए जो विकास होते थे, वो यहां के जनजीवन की व्यवस्था को अस्त व्यस्त कर देते थे।’’काशी में बाबा धाम के शुभारंभ के साथ ही नगरीय विकास का सुनिश्चित विकास की शुरूआत है। काशी के लोगों को भी इस बात की अनुभूति होती है। सीएम ने कहा कि सम्मेलन की थीम ’न्यू अर्बन इंडिया’ रखी गई है। शहरी क्षेत्रों में जीवन को आसान बनाने के लिए प्रधानमंत्री का निरंतर प्रयास रहा है, सरकार ने शहरी बुनियादी ढांचे और सुविधाओं की कमी के मुद्दों को हल करने के लिए कई योजनाएं और पहल शुरू की हैं। प्रधानमंत्री वाराणसी के सांसद भी है और उन्होंने यहां का पूरा ध्यान दिया। काशी को दुनिया के सामने एक नए रूप और अंदाज में प्रस्तुत किया। लटकते बिजली के तार, संकरी गलियों को ठीक किया। विगत सात वर्षों के दौरान काशी के विकास में प्रतिदिन नए अध्याय जुड़ते चले गए। इस सम्मेलन के माध्यम से हम सभी यहां अनुभव को प्राप्त करेंगे। देश के महापौर को काशी से नए अनुभव व ऊर्जा की प्राप्ति होगी। गुरुवार को काशी भ्रमण के बाद महापौरों ने यहां के विकास कार्यों को देखा और समझा। काशी के विकास के मॉडल को अनुभव किया। प्रधानमंत्री के इस प्रयास से देश की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हो रहा। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत कई योजनाएं संचालित हो रहे है।
देश के सौ स्मार्ट सिटी में दस यूपी में ही है
प्रयागराज कुंभ में हुए कुंभ मेले का भव्य और व्यवस्थित स्वरूप को लोगों ने देखा। देश के सौ स्मार्ट सिटी में दस यूपी में ही है। इसलिए यहां के स्मार्ट सिटी का हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। सात अमृत योजना के शहर का व्यवस्थित तरीके से कार्य चल रहा। यूपी में 734 नगर निकायों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इसके तहत विकास कार्य को समूचित तरीके से चलाया जा रहा। 2014 के पहले नगरीय निकायों में रहने वाले लोगों को स्वच्छता, बिजली, सुरक्षा, यातायाता की सुविधा में सुधार किया गया। खुले में शौच को रोका गया। घरों में और सामुदायिक शौचालयों को बनाया गया। शहरी क्षेत्र के नए स्वरूप को प्रधानमंत्री ने सुधार किया है।
नई इमारत, सड़क बनाते समय रखें ये ख्याल
शहरों में दिव्यांगजनों को ध्यान में रखते हुए, हर नई इमारत, नए रोड, या अन्य निर्माण कार्य में सुगम्य भारत अभियान के प्रावधानों का पालन होना चाहिए। दिव्यांगजनों की तकलीफ को अपनी योजनाएं बनाते वक्त ध्यान में रखना जरूरी है।
महापौर समाज में योगदान दें
पीएम मोदी ने कहा कि हमें विकासवाद में विश्वास करना चाहिए। भारत को क्रांति की नहीं, विकास की जरूरत है। अपने पास मौजूद हर चीज का संरक्षण करें और तकनीकी उन्नयन की ओर बढ़ना चाहिए। सभी महापौर अपने शासन के दौरान अपने समाज में प्रमुख रूप से योगदान देना चाहेंगे। मुझे यकीन है कि आप सभी उस दिशा में काम कर रहे हैं।
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