- 8 से 14 दिसम्बर तक काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में होगी कैबिनेट बैठक
- वाराणसी में रहकर प्रधानमंत्री के आगमन, काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण और महीनेभर तक प्रस्तावित काशी विश्वनाथ यात्रा की तैयारियों की करेंगे निगरानी
वाराणसी (सुरेश गांधी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ड्रीम प्रोजेक्ट ’काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर’ के पहले चरण का 13 दिसंबर को लोकार्पण करेंगे। इस लोकार्पण समारोह को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए योगी सरकार बड़े स्तर पर तैयारियां कर रही है। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों को सपरिवार इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए न्योता दिया गया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 दिसंबर को भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। 16 दिसंबर को होने वाली योगी कैबिनेट की बैठक में दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और डॉ दिनेश शर्मा के साथ ही अन्य मंत्री और अधिकारी मौजूद रहेंगे। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर हो रहे आयोजनों को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी का बड़ा दांव माना जा रहा है। इस कार्यक्रम को बीजेपी जन जन तक पहुंचाने का कार्यक्रम बना रही है। लेकिन चुनाव से पहले पूर्वांचल को साधने के लिए योगी सरकार काशी विश्वनाथ धाम में कैबिनेट बैठक कर एक बड़ा सन्देश देना चाहती है। इसके बाद 16 दिसंबर को योगी सरकार की कैबिनेट की बैठक होगी, जिसे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में ही कराने की तैयारी है। अगर ऐसा होता है तो देश में पहली बार किसी सरकार की कैबिनट की बैठक मंदिर परिसर में होगी। काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण के साथ ही वाराणसी में एक महीने तक चलने वाले आयोजनों की शुरुआत हो जाएगी। इसमें भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों और देश के सभी महापौरों के सम्मेलन अलावा हर दिन अलग-अलग आयोजन होने हैं। काशी चलो अभियान के तहत पूरे देश से वाराणसी के लिए ट्रेनें चलाई जाएंगी। इन आयोजनों को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का बड़ा दांव माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण कार्यक्रम को भाजपा जन जन तक पहुंचाने का कार्यक्रम बना रही है। चुनाव से पहले पूर्वांचल को साधने के लिए योगी सरकार काशी विश्वनाथ धाम में कैबिनेट बैठक कर बड़ा संदेश देना चाहती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी में करीब एक हफ्ते का प्रवास करेंगे। यहां के सर्किट हाउस में सीएम का कैम्प कार्यालय बनेगा। भाजपा से जुड़े सूत्रों की मानें तो 8 से 14 दिसंबर तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी से ही यूपी की सरकार चलाएंगे। वह वाराणसी में रहकर प्रधानमंत्री के आगमन, काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण और महीनेभर तक प्रस्तावित काशी विश्वनाथ यात्रा की तैयारियों की निगरानी करेंगे। गोरखपुर और आसपास के जिलों का उनका दौरा भी बनारस से ही होगा। इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करने के बाद 14 दिसंबर को भाजपा शासित 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों व 2 राज्यों के 3 उपमुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे।
’भव्य काशी दिव्य काशी’
योगी की कैबिनेट मीटिंग को आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता में फिर से वापसी की कवायद में जुटी बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक भी माना जा रहा है। क्योंकि सरकार ने यह सन्देश देने की कोशिश की है कि लखनऊ के बाद वारणासी प्रदेश की दूसरी राजधानी है।
अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ
14 दिसंबर को बीजेपी शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ धाम में बैठक करेंगे और विश्वनाथ की इस नई काशी से सामाजिक समरसता, अखंडता और एकता का संदेश देंगे। इस कार्यक्रम में सीएम के साथ सभी राज्यों के डिप्टी सीएम भी मौजूद रहेंगे। कहा जा रहा है कि अब तक यूपी के इतिहास में ऐसा नहीं हुआ है, जब पूरी कैबिनेट लखनऊ छोडकर कहीं किसी मंदिर में पहुंचे और वहां मीटिंग हो।
जेपी नड्डा ने की अपील
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारियों की लेटर लिख इस कार्यक्रम को भव्य बनाने का आह्वान किया है. जेपी नड्डा ने कहा है कि काशी की भव्यता पार्टी जन जन तक पहुंचाए की पीएम ने काशी को लेकर जो सपना देखा था, वो किस तरीके से फलीभूत होता जा रहा है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि देश के सभी ज्योर्तिलिंग में पार्टी कार्यक्रम करे और टीवी स्क्रीन लगाकर लोगों को इस भव्यता को दिखाए.
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