पटना। ईसाई समुदाय का क्रिसमस पर्व 25 दिसंबर को है।ईसा मसीह का जन्म दिवस को क्रिसमस कहा जाता है। इसे हम बड़ा दिन भी कहते हैं। पहले यह त्योहार ईसाईयों तक ही सिमट कर रह जाता था। अब तो यूनिर्वसल हो गया है। लाल कपड़े पहले सांता क्लॉज का सीधे घरों में प्रवेश हो गया है। बच्चे उपहार देने की मांग करने लगते हैं। वहीं क्रिसमस को कारोबार के रूप में भी तब्दील कर दिया गया है। अब तो क्रिसमस और न्यू ईयर सभी लोग मनाने लगे हैं। प्रेरितों की महारानी ईश मंदिर,कुर्जी के द्वारा क्रिसमस कैरोल साँग यानी भक्ति गीत प्रस्तुत करने का सिलसिला शुरू कर दी गयी है। कुर्जी पल्ली के ईसाई धर्मावलम्बियों के घरों के सामने जाकर गीत मंडली के द्वारा क्रिसमस कैरोल साँग प्रस्तुत की जा रही है। बेतलेहम की नगरी में जन्मा येसु मसीह भगवान.....। मानव बनकर आया बालक येसु महान......। इसके अलावे अन्य गीत भी प्रस्तुत कर रहे हैं। ऐतिहासिक सच्चाई है कि संसार के मुक्तिदाता बालक येसु का जन्म बेतलेहम नगरी में 2021 वर्ष पहले हुआ था। बालक येसु के पालक पिता का नाम जोसेफ और माता का नाम मरियम है। प्रसवावस्था में माता मरियम को शिशु जन्म देने के लिए जगह नहीं मिलने के कारण गौशाला में महान बालक येसु का जन्म 25 दिसंबर को हुआ। उन्हें चरणी में लिठाया गया। इस दिन को ईसाई समुदाय बड़ा दिन और क्रिसमस कहते हैं। कारण कि पिता परमेश्वर के वचनों को निभाने के लिए मानव पुत्र एकदम साधारण मानव बनकर धरती पर आये। क्रिसमस पर्व के अवसर पर अर्द्धरात्रि में धार्मिक अनुष्ठान अर्पित किया जाता है। इसके अलावे सुबह में भी धार्मिक अनुष्ठान अर्पित किया जाता है। आजकल कुर्जी पल्ली के गीत मंडली के द्वारा भक्ति गीत पेश किया जा रहा है। प्रेरितों की महारानी ईश मंदिर,कुर्जी के प्रधान पुरोहित फादर पायस माइकल ओस्ता चाहते थे कि मोहल्ला के लोग क्रिसमस कैरोल साँग आयोजित करें,और सूचना दे कि ताकि उसमें हमलोग शामिल हो सकें। ठीक उसी तरह से शुरू हुआ। आज 16 दिसम्बर को टीचर्स एन्कलेव कॉलोनी,शिवाजी नगर और दीघा में भक्ति गीत का कार्यक्रम हुआ। अभी हाल में जेसुइट पुरोहित बने फादर राजीव रंजन तथा संत माइकल हाई स्कूल की टीचर संध्या ओस्ता के नेतृत्व किया गया।कई युवाओं की गायक मंडली,सिस्टर्स तथा कॉलोनी वासियों के साथ कैरोल गान का सफल कार्यक्रम हुआ। घरों के बाहर में गीत गाने के बाद परिवार के लोग बालक येसु को नमन करते हैं और स्वेच्छा से दान भी करते हैं। अंत में अंग्रिम हैप्पी क्रिसमस और हैप्पी न्यू ईयर की बधाई देकर आगे की ओर प्रस्थान करते चले जाते हैं।
गुरुवार, 16 दिसंबर 2021
बिहार : भक्ति गीत प्रस्तुत करने का सिलसिला शुरू
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