थाना नबी करीम से चंद कदम की दुरी पर हत्या का प्रयास - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 20 दिसंबर 2021

थाना नबी करीम से चंद कदम की दुरी पर हत्या का प्रयास

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नई दिल्ली। थाना नबी करीम पुलिस की नाक के नीचे चल रहे वेश्यावृति के अड्डों ,जुआघरों और मटका जुआ व होटलों के गैर क़ानूनी रूप से चल रहे मसाज सेंटर और बार बालाओं के नृत्य से नबी करीम थाना पुलिस की चांदी लंबे समय से कट रही थी। यहाँ तक की नए थानाध्यक्ष अशोक कुमार तो बाकायदा अपराध औरअपराधियों के संरक्षक बनाकर जनता और पत्रकारों को धमकाने में भी कोई गुरेज नहीं करते हैं। नबी करीम थानाध्यक्ष अशोक कुमार पर अपनी ईमानदार छवि और उदारता से लोकप्रिय पुलिस कमिशनर राकेश अस्थाना का कोई दिशा निर्देश इन नबी करीम थानाध्यक्ष पर लागू ही नहीं होता है। जिसका नतीजा यह निकला की इलाके के दो हिस्ट्रीशीटर बदमाशों के झगड़े में एक बदमाश दूसरे बदमाश पर  ताबड़तोड़ चाकुओं से गोद देता है और हत्या का प्रयास करता है। स्थानीय और पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नबी करीम पिंकीं सुनार वाली गली में बीती रात अमन नाम के बदमाश ने गणपत नाम के हिस्ट्रीशीर को ताबड़तोड़ कई चाकू मारे, जिस पर 50 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज है। घायल को गंभीर हालत में पास के अस्पताल में दाखिल कराया गया जिसका 7 घंटे ऑपरेशन चला। अभी हालात गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने मौके से बुलेट मोटरसाइकिल बरामद की है। पुलिस संरक्षण में अपराधी अभी तक 48 घंटे बीतने बाद भी गिरफ्त से बाहर है। आखिर यह हौसले इसलिए बुलंद है की अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने की बजाए थानाध्यक्ष अशोक कुमार पब्लिक यहाँ तक की महिलाओं को गाली गलौच तक कर देते हैं। वहीं अपराधियों को अपनी मोटी कमाई के चक्कर में संरक्षण देते हैं। राकेश अस्थाना और इलाका डी सी पी की क्या बिसात जो थानाध्यक्ष के झूठ पर जांच भी कर सकें ?  वही नबी करीम इलाके के आर्य नगर में भी होटल सिलिकॉन के सामने 24 घंटे बिना लाइसेंस के अवैध ढाबे खुले रहते हैं। जहां सरे आम शराब पिलायी जाती है। इलाके गली नंबर 10 में सरे आम शराब और ड्रग्स का धंधा चल रहा है। इन अवैध ढाबों और शराब माफियाओं के खिलाफ कई शिकायतें भी दर्ज़ हैं। बावजूद इसके थानाध्यक्ष अशोक कुमार इनको संरक्षण दे रहे हैं। 


गौरतलब है कि जहाँ पर अवैध रूप से शराब बेची जाती है, पिलाई जाती है, सट्टेबाजी का धंधा खुलकर चलता है,ढाबे में खाना खिलाने के नाम पर कॉल गर्ल्स परोसी जाती है । इसके साथ ही रात भर आईं 10 हुंडई महरून कलर से अधिक गाड़ी खड़ी रहती है, जिसमे कॉल गर्ल्स मौजूद रहती है। यह गैर क़ानूनी रूप से धंधा सरे राह और सरे आम पुलिस के संरक्षण में आखिर इतना कुछ चल रहा है ? थानाध्यक्ष अशोक कुमार समेत पुरे थाने को इस धंधे की जानकारी ना हो ऐसा कैसे हो सकता है ? अब तक नबी करीम थाने में पिछले 7 सालों से जमे कई अधिकारी और पुलिसकर्मी क्षेत्र में बैठे अपराधियों से सैटिंग करने से बाज़ नहीं आ रहे हैं। यहां तक पुलिसकर्मियों को कोई भी अधिकारी अब तक हिला भी नहीं सका है। बड़ी बात यह है कि पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना और इलाका डी सी पी श्वेता चौहान भी महिला आई पी एस होने के नाते से भी इन अपराधों पर अंकुश लगाने अथवा थानाध्यक्ष के झूठ पर जाँच भी कर सकें ऐसा कुछ धरातल पर दिखाई नहीं दे रहा है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि कौन सी मज़बूरी दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों को ऐसे कर्तव्यहीन थानाध्यक्ष को झलने पर मजबूर कर रही है ?

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