पटना, 5 दिसंबर, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि पार्टी की केंद्रीय कमिटी के आह्वान पर बाबरी मस्जिद की शहादत व डाॅ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर पूरे राज्य में सांप्रदायिकता विरोधी मार्च का आयोजन किया जाएगा. कहा कि भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में लोकतंत्र व धर्मनिरपेक्षता गहरे खतरे में है. अल्पसंख्यक समुदाय को लगातार निशाना बनाया जा रहा है और पूरे देश में उनके खिलाफ नफरत का माहौल बनाया जा रहा है. देश की गंगा-जमुनी तहजीब को नष्ट कर फासीवाद थोपने के प्रयास जारी हैं. संविधान के निर्माण में जिस भीमराव अंबेडकर का सबसे बड़ा योगदान रहा, उनका नाम लेने का नैतिक अधिकार भाजपा-संघ को नहीं है. हर कोई जानता है कि ये लोग संविधान को ही खत्म कर देना चाहते हैं. लोकतंत्र व धर्मनिरपेक्षता हमारे संविधान की आत्मा है. हमारा संविधान हमारे नागरिकों को अधिकार व कर्तव्य देती है. लेकिन विगत 26 नवंबर को प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि अधिकारों पर बहुत चर्चा होती है. यह सही नहीं है. कुल मिलाकर फासीवाद की विचारधारा संविधान के स्थान पर मनुस्मृति को ही संविधान बनाने पर तुली हुई है. इसलिए भाकपा-माले देश की अमन, जम्हूरियत व तरक्की पसंद जनता से संविधान, लोकतंत्र व धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए कल के सांप्रदायिकता विरोधी मार्च में शामिल होने की अपील करती है.
रविवार, 5 दिसंबर 2021
बिहार : 6 दिसंबर को पूरे राज्य में मनाया जाएगा सांप्रदायिकता विरोधी मार्च
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