पटना, 3 दिसंबर, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि विगत दिनों मुजफ्फरपुर मंे हुआ बर्बर आंख आॅपरेशन कांड भागलपुर अंखफोड़वा कांड की याद दिलाता है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसका जवाब देना चाहिए कि आखिर क्यों लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है? कोविड काल में भी हमने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के नकारेपन को देखा था. उन्हें बर्खास्त करने की मांग होते रही है. लेकिन यह समझ से परे है कि आखिर नीतीश कुमार ऐसे मंत्री को पद पर क्यों बैठाये हुए हैं? कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान असफल सरकारी स्वास्थ्य सिस्टम के कारण लाखों लोगों की मौत हुई, दूसरी ओर निजी अस्पतालों ने हाथ खड़े कर लिए. तब यह मांग उठी थी कि निजी अस्पतालों के मनमानेपन, लूट व अव्यवस्था के खिलाफ नियंत्रण की प्रणाली बने. लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया. यही वजह है कि अब मुजफ्फरपुर में 26 लोगांे की आंखें खराब हुईं और 16 लोगों को अपनी आंखें गंवानी पड़ी. इसमें अधिकांश गरीब समुदाय से आते हैं. इस कांड ने आमलोगों के इलाज के प्रति सरकार की क्रूर संवेदनहीनता को फिर से प्रकट किया है. इन 26 लोगों ने शहर के एक निजी अस्पताल में आंख में मोतियाबिंद का आॅपरेशन करवाया था. यह पूरी तरह से आपराधिक लापरवाही का मामला है, और दोषियों पर अविलंब कार्रवाई की जानी चाहिए. भाकपा-माले निजी अस्पतालों पर नियंत्रण स्थापित करने की कारगर प्रणाली, नकारे स्वास्थ्य मंत्री की बर्खास्तगी, सभी पीड़ितों को 10 लाख रुपये का मुआवजा व उचित इलाज की मांग की है. इस सवाल पर मुजफ्फरपुर में माले व इंसाफ मंच के बैनर से प्रदर्शन भी किया गया.
- पीड़ितों को 10-10 लाख मुआवजा व मुफ्त इलाज की गारंटी करे सरकार. निजी अस्पतलों पर निगरानी की प्रणाली कायम करे सरकार
रविवार, 5 दिसंबर 2021
मुजफ्फरपुर में बर्बर कांड पर स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करें नीतीश : माले
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