रामेश्वरम (तमिलनाडु), 22 दिसंबर, श्रीलंकाई नौसेना द्वारा 68 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किए जाने के खिलाफ सैंकड़ों मछुआरों और महिलाओं ने बुधवार को अनशन किया और उनकी रिहाई की मांग की। यहां और निकट के पंबन और मंडपम के इलाकों के मछुआरा समुदाय ने रामेश्वरम-मदुरै राजमार्ग पर थंगाचिमदम में भूख हड़ताल की। रामेश्वरम में विभिन्न मछुआरा संगठनों के नेताओं पी सेशु राजा, एन जे बोस, एस इमेरित समेत अन्य ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया। सेशु राजा ने पत्रकारों से कहा कि मत्स्य उद्योग से केंद्र सरकार को विदेशी मुद्रा के रूप में ‘करोड़ों रुपये’ मिल रहे हैं लेकिन सरकार श्रीलंकाई नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों की गिरफ्तारी को रोकने के लिए ठोस कार्रवाई नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि श्रीलंकाई सरकार 1974 के कच्चातीवू समझौते का ‘उल्लंघन’ कर रही है। सेशु राजा ने कहा कि केंद्र सरकार को पड़ोसी देश के साथ बातचीत कर मछुआरों पर हमले रोके जाने को सुनिश्चित करना चाहिए। करीब 10,000 मछुआरों ने यह संकल्प लिया कि अगर श्रीलंका सभी 68 मछुआरों और उनके जाल को मुक्त नहीं करता है तो वे एक जनवरी को थंगाचिमदम में रेल रोकेंगे। उन्होंने कहा कि मछुआरा संगठन के प्रतिनिधि दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर और केंद्रीय मत्स्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला से मिलेंगे और मछुआरों की गिरफ्तारी का अंत करने का आग्रह करेंगे।
बुधवार, 22 दिसंबर 2021
तमिलनाडु में मछुआरों ने किया विरोध प्रदर्शन
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