काशी कॉरिडोर के भव्य कार्यक्रम का गवाह यूं तो पूरा देश बना, लेकिन पीएम मोदी की कुछ अदाएं काशीवासियों के दिलों में सालो- साल याद रहेंगी। चाहे कॉरीडोर लोकार्पण के दौरान लोगों को प्रत्यक्ष वहां मौजूद होने का मौका रहा हो, प्रोटोकॉल तोड़कर बुजुर्ग के हाथों सिर पर पगड़ी पहननी हो या गोदौलिया में आम लोगों के बीच पहुंचकर बच्चे से लाड़ जताना रहा हो या दिप्यांग शिखा की पैर छूना, उनके इन कार्यों का वीडियो खूब वायरल हुआ। लेकिन शिखा रस्तोगी से पीएम मोदी का मिलने का अंदाज हर किसी का दिल जीत लिया। काशी के सिगरा की रहने वाली शिखा जन्म से ही दिव्यांग हैं। उनकी हड्डियों का विकास नहीं हो सका, लेकिन उनके हौसले बहुत बुलंद है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिखा के हौसले को उड़ान देने का वादा किया है। कद में छोटी दिखने वाली शिखा के इरादे इतने मज़बूत की चट्टान भी कमज़ोर नज़र आएं। काशी के खास कार्यक्रम में खास मेहमानों में शामिल शिखा 40 साल की हैं। उन्होंने 10वीं तक घर पर ही पढ़ाई की। वो बताती हैं कि पहले वो लोग जहां रहते थे, वहां ज़्यादा सुविधा नहीं होने के चलते घर पर ट्यूशन के ज़रिए पढ़ाई की। शिखा को डान्स का बहुत शौक़ है। सिलाई के साथ ही घर की साफ-सफाई सजावट करना ज्यादा पसंद है। इतना ही नहीं शिखा दूसरों को भी डांस सिखाती हैं। इसके अलावा शिखा रस्तोगी टिकटॉक की दुनिया में भी धूम मचा चुकी है। शिखा की मां बीना रस्तोगी उनकी सबसे बड़ी शक्ति बनीं। मां बताती हैं कि शिखा की इस पैदाइशी परेशानी को देखकर एक बार को वो घबरा गईं, उसके भविष्य की चिंता में रोईं भी लेकिन बाद में उसे आत्मनिर्भर और मज़बूत बनाने की ठान ली। काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के दौरान शिखा रस्तोगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। पीएम मोदी की तरफ से शिखा को काशी कॉरिडोर में एक दुकान देने का वादा किया गया है। शिखा का परिवार भी चाहता है कि वह आत्मनिर्भर बने और आर्थिक रूप से सशक्त बने।मोदी की तरफ से शिखा को काशी कॉरिडोर में मिलेगा दुकान। दिव्यांग शिखा को डांस, सिलाई के साथ ही घर की साफ-सफाई सजावट करना ज्यादा पसंद है। रस्तोगी टिकटॉक की दुनिया में भी धूम मचा चुकी है। शिखा की मां बीना रस्तोगी उनकी सबसे बनी बड़ी शक्ति
शिखा के कदमों में झुके प्रधान सेवक
तसवीर में पीएम मोदी एक दिव्यांग महिला शिखा के पैरों पर झुककर प्रणाम कर रहे हैं। शिखा की यह तस्वीर पीएम नरेंद्र मोदी के उस व्यक्तित्व को दर्शाती है, जिसमें महिलाओं के लिए सम्मान और मानवता की सहृदयता, दोनों का भाव देखने को मिलता है। बता दें, पीएम मोदी और काशी विश्वनाथ धाम की कई तसवीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं। उन्हीं में एक तसवीर है उस शिखा की, जिसके कदम पीएम मोदी ने छुए थे। पीएम मोदी की खास तसवीर को लोगों ने भी पसंद किया और शिखा के घरवालों ने भी। शिखा रस्तोगी के लिए वो क्षण अविस्मरणीय हो गया। उस पल को याद करके शिखा रस्तोगी की आंखें नम हो जाती हैं। देश के पीएम नरेंद्र मोदी उनके चरण स्पर्श कर उन्हें इतना सम्मान दे रहे हैं, इससे शिखा रस्तोगी खुद को सौभाग्यशाली मानती हैं। शिखा रस्तोगी आज भी उस पल को याद करके भावुक हो जाती हैं।
पहले भी शिखा से मिल चुके है मोदी
शिखा रस्तोगी के मुताबिक पीएम से उनकी दूसरी मुलाकात थी। उन्होंने मुझे देखते ही पहचान लिया था। हालचाल लेने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि मैंने आपके लिए विश्वनाथ कॉरिडोर में दुकान आवंटित कर दी है। पीएम द्वारा पैर छूने की तसवीरों जब शिखा के भाई ने पिता विजय रस्तोगी और माता वीणा रस्तोगी को दिखाई तो दोनों की आंखें भर आई। उन्होंने कहा कि आज हमारी बिटिया का जन्म सफल हो गया है। शिखा रस्तोगी ने अपने बुलंद हौसलों के साथ दिव्यांगता को पीछे छोड़कर आत्मनिर्भरता की सीख दी है।
बड़ा संदेश
पीएम मोदी से मिले सम्मान ने शिखा रस्तोगी के साथ-साथ उनके जैसे प्रत्येक व्यक्ति को यह संदेश दिया कि शारीरिक दिव्यांगता कोई कमी नहीं होती है, यह सिर्फ मन का विकार होता है, जिसे दूर किया जा सकता है। दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। हमें अपने आत्मविश्वास के साथ अपनी लड़ाई स्वयं लड़नी होती है। उसके बाद पूरी दुनिया हमारी काबिलियत और हुनर को समझेगी
भाई को गर्व
शिखा के भाई विशाल रस्तोगी ने कहा कि मुझे अपनी बहन पर गर्व है। मैं, जिनके भी घर में दिव्यांग हैं, उनसे अपील करना चाहता हूं कि दिव्यांगों को कमजोर नहीं समझें। उनका हौसला बुलंद करें. उनको आगे बढ़ाएं।
--सुरेश गांधी--
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