मुंबई, 24 दिसंबर, महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल ने शुक्रवार को विधानसभा सचिव से कहा कि वह एक साल के निलंबन के खिलाफ दायर भारतीय जनता पार्टी के 12 विधायकों की याचिका पर जारी उच्चतम न्यायालय के नोटिस का जवाब नहीं दें। इन 12 विधायकों को, विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में इस साल पांच जुलाई को पीठासीन अधिकारी भास्कर जाधव के साथ बदसलूकी करने के मामले में राज्य विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। झिरवाल ने सरकार को शीर्ष अदालत को उन घटनाक्रम से अवगत कराने का निर्देश दिया, जिसके कारण उन भाजपा सदस्यों को निलंबित किया गया। झिरवाल ने बताया कि 21 दिसंबर को विधानसभा सचिव को उच्चतम न्यायालय का नोटिस मिला था। इस बीच, भाजपा के नेता सुधीर मुंगतीवार ने इस बात को लेकर आश्चर्य जताया कि सरकार 12 मतदातों के निलंबित होते हुए विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव कैसे करा सकती है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 12 विधायकों ने उनके निलंबन पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करते हुए अध्यक्ष के कार्यालय में आवेदन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उम्मीद करता हूं कि अगले सप्ताह होने वाले अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले उनका निलबंन रद्द कर दिया जाएगा।’’ निलंबित किए गए 12 सदस्य संजय कुटे, आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भातखलकर, पराग अलवानी, हरीश पिंपले, योगेश सागर, जय कुमार रावत, नारायण कुचे, राम सतपुते और बंटी भांगड़िया हैं। उच्चतम न्यायालय ने 14 दिसंबर को महाराष्ट्र के 12 भाजपा विधायकों की याचिकाओं पर राज्य विधानसभा और प्रदेश सरकार से जवाब मांगा था। शीर्ष अदालत ने पाया था कि उठाया गया मुद्दा, याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकीलों और राज्य सरकार की ओर से दिए गए तर्क ‘‘जिरह’’ योग्य हैं और ‘‘इन पर गंभीरता से विचार’’ करने की जरूरत है।
शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021
महाराष्ट्र : भाजपा विधायकों के निलंबन पर न्यायालय के नोटिस का जवाब नहीं देंगे
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