आलेख : अमृत सिद्धि योग में मनेगा नया साल, मिलेगा शनि और शिव का आशीर्वाद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021

आलेख : अमृत सिद्धि योग में मनेगा नया साल, मिलेगा शनि और शिव का आशीर्वाद

  • बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड : नए वर्ष के पहले दिन विश्वनाथ धाम से विश्व में गूंजेगा शंखनाद, 1001 लोग एक साथ बजाएंगे शंख 

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नया साल का जश्न मनाने के लिए शहर से लेकर देहात तक में तैयारियां पूरी हो गई हैं। साल 2022 के स्वागत में कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुरूप रेस्टोरेंट, होटल, काफी शॉप में जबरदस्त तैयारियां की गयी हैं। भला हो भी क्यों नहीं, नया साल जो है। वैसे भी नया साल हम सभी के लिए बेहद खास होता है। इस मौके पर हम पिछली तमाम परेशानियों, दुखों और असफलताओं को भूलकर एक नयी शुरुआत करते हैं। ज्योतिषि की लिहाज से नए साल का पहला दिन न सिर्फ उत्तम है, बल्कि बाबा भोलेनाथ व शनि का दिन होने से खास योग बन रहे हैं। विद्वानों की मानें तो नववर्ष का पहला दिन अमृत सिद्धि योग में मनगा और विधि-विधान से मंदिरों में पूजा-अर्चन करने वालों को शनि और शिव का आशीर्वाद मिलेगा। खास यह है कि नए वर्ष के पहले दिन शनिवार को वाराणसी में नया कीर्तिमान बनेगा। काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के तहत सामूहिक 1001 शंखवादन कर विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा।  हिंदू पंचांग के अनुसार नववर्ष का पहला दिन बहुत ही खास होने वाला है। इस दिन अमृत, सिद्धि योग में शनि देव और शिव की कृपा पाने का भक्तों को मौका मिलेगा। पहली जनवरी को पौष महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी और चतुर्दशी होने से इस दिन मासिक शिवरात्रि भी पड़ रही है। जिसके चलते यह दिन शनि के साथ-साथ भगवान शिव की कृपा पाने के लिहाज से बहुत ही खास रहेगा। इस दिन शिव और शनि देव की पूजा करने से सभी कष्टों से छुटकारा मिलेगा। 


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मान्यता है कि इस दिन किया गया पूजा-पाठ व दान-पुण्य कई गुना ज्यादा फल देता है। साल के पहले दिन बन रहे इस विशेष संयोग में किए गए उपाय पूरे साल भर सुख-समृद्धि और तरक्की देंगे। मिथुन, तुला, धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है। इस कारण खासतौर पर इन राशि के जातकों को इस दिन शनि के उपाय जरूर करने चाहिए। शनि देव की कृपा पाने के लिए शनि मंदिर में जाकर शनिदेव को सरसों के तेल के साथ काले तिल, काला कपड़ा और नीले पुष्प चढ़ाएं। पूजा करते समय सीधे शनिदेव की मूर्ति के दर्शन न करें। सूर्यास्त के बाद ऐसे पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाएं जो वीरान स्थान पर हो या किसी मंदिर में हो। इसके अलावा गरीब असहायों को भोजन और काली चीजों का दान करे। जबकि शिव मंदिर में शिवलिंग पर गंगा जल, दूध, दही, शहद, घी, गुलाब जल, चढ़ाकर अभिषेक करें। अभिषेक करते हुए ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहे। इसके बाद पुनः गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक कर श्वेत चंदन लगाएं, फिर बिल्वपत्र, सफेद पुष्प, धतूरा, चढ़ाएं, धूप दीप जला कर शिव चालीसा और ओम नमः शिवाय का 108 बार और महामृत्युंजय मंत्र या पंचाक्षरी मंत्र की एक माला जाप करें। पूजन पूर्ण होने के बाद आरती करें। एक अन्य विद्वान पंडित के मुताबिक नए साल 2022 की शुरुआत कालसर्प योग में हो रहा है। दरअस्ल 14 दिसंबर 2021 की सुबह 07.49 बजे से राहु वृषभ राशि व केतु के वृश्चिक राशि में आने से और इस दौरान समस्त ग्रह इनके मध्य में स्थित होने के कारण संपूर्ण ब्रह्मांड में कालसर्प योग का निर्माण हुआ. ज्योतिष के अनुसार यह कालसर्प योग काफी लंबे समय तक रहेगा, लेकिन चंद्रमा के कारण यह कालसर्प योग बीच-बीच में खंडित भी होगा. ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं. ऐसे में जब भी चंद्रमा राहु के आगे निकलेंगे, तो कालसर्प योग खंडित होगा और इसका असर कम होगा. दरअसल 14 दिसंबर से बन रहे कालसर्प योग के बाद चंद्रमा 17 दिसंबर को राहु केतु के बीच से बाहर आ जाएंगे, जिससे यह योग खंडित हो जाएगा. लेकिन यह कालसर्प योग पुनः शुक्रवार 31 दिसंबर को पूर्ण रूप से सुबह 5 बजे बन जाएगा, ऐसे में साल 2022 की शुरुअता कालसर्प योग में ही होगा. कालसर्प योग 13 जनवरी को एक बार फिर से खंडित हो जाएगा. जो 14 से 15 दिनों तक खंडित रहेगा. और फिर यह योग गुरुवार, 27 जनवरी से पुनः प्रारंभ हो जाएगा, जो रविवार, 24 अप्रैल 2022 तक रहेगा. जिसके बाद यह पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगा.


1001 शंखनाद कर विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी 

श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण पर मास पर्यंत चलने वाले कार्यक्रमों के तहत वर्ष 2022 के पहले दिन एक नया कीर्तिमान बनेगा। शनिवार को बाबा के दरबार में नए साल के पहले दिन 1001 शंखनाद कर विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। धाम से विश्व भर में शंखनाद की गूंज सुनाई देगी। इसका आयोजन प्रयागराज स्थित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) के द्वारा होगा। सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक कार्यक्रम प्रस्तावित है। 


बाबा विश्वनाथ के होंगे झांकी दर्शन

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में नए साल पर दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगेगी। देश भर के कई राज्यों से श्रद्धालु बनारस पहुंच रहे हैं। 31 दिसंबर और एक जनवरी को श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने झांकी दर्शन के इंतजाम किए हैं। वहीं संकटमोचन, दुर्गाकुंड, बीएचयू विश्वनाथ, शूलटंकेश्वर महादेव समेत अधिकांश मंदिरों में दर्शन-पूजन के इंतजाम किए गए हैं। गंगा घाट पर मां गंगा की विशेष आरती के साथ नए साल का स्वागत किया जाएगा। 


आज लें पांच संकल्प 

नये साल के मौके पर नये और सकारात्मक बदलाव के लिए संकल्प भी लिया जाना चाहिए। ऐसा संकल्प जो आपके व्यक्तित्व और आपकी सोच में एक बेहतरीन बदलाव कर सके। 

1. स्वस्थ रहने का संकल्प

2. वर्चुअल दोस्ती छोड़ रियल दोस्तों से करें मुलाकात

3. किताबों को भी बनाएं दोस्त

4. बदलाव का संकल्प

5. योग और ध्यान का संकल्प


कालसर्प योग का असर

ज्योतिष के अनुसार जिस समय तक ब्रह्मांड में कालसर्प योग रहेगा. तब तक विश्व में तनाव रहने के साथ ही कई अन्य प्रकार की समस्याएं भी समाने आती रहेंगी. जिसमें बीमीरी, युद्ध, प्राकृतिक आपदा आदि हैं. कालसर्प योग के दौरान जिन बच्चों का जन्म होगा उनकी कुंडली में कालसर्प योग बनेगा. ज्योतिष के अनुसार जब कभी ब्रह्मांड में कालसर्प योग बनता है, तब राहु केतु को छोड़कर अन्य ग्रह एक ही तरफ आ जाते हैं. ऐसे में अच्छे ग्रहों की भी शक्ति कम हो जाती है और वे अपना पूरा प्रभाव नहीं दे पाते हैं. वैसे लोग जिनकी कुंडली में कालसर्प योग शुभता की स्थिति में है, उनके लिए ये समय शुभ फल देने वाला होगा लेकिन जिन लोगों की की कुंडली में कालसर्प योग दोष की स्थिति में है, उनके लिए ये समय कष्टकारी रहेगा.


कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय

ज्योतिष के अनुसार जिनकी जन्म कुंडली में कालसर्प दोष के रूप में है, ऐसे जातकों को इस समय कालसर्प दोष की शांति करानी चाहिए. ब्रह्मांड में भी कालसर्प योग बनने के कारण इस समय कालसर्प दोष की शांति कराने से कष्ट दूर होते हैं. कालसर्प दोष के निवारण के लिए किसी सपेरे से नाग नागिन लेकर उन्हें मुक्त कराना चाहिए ये विधि इस दोष से मुक्ति में मदद करती है.





-सुरेश गांधी-

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