अपनों का अपनों से लगाव बना रहे
आसमां छू लें,पर जमीं पर पाँव डटे रहें,
बीत गया जो वर्ष,उससे कुछ सीख लें
उदासी भूलकर खुशी की बात कर लें।
--डा० शिबन कृष्ण रैणा--
अपनों का अपनों से लगाव बना रहे
आसमां छू लें,पर जमीं पर पाँव डटे रहें,
बीत गया जो वर्ष,उससे कुछ सीख लें
उदासी भूलकर खुशी की बात कर लें।
--डा० शिबन कृष्ण रैणा--
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