देहरादून, चार दिसंबर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शनिवार को यहां कवि रूप दिखाई दिया जहां उन्होंने उत्तराखंड पर एक कविता सुनाई। उन्होंने अपने भाषण की शुरूआत गढवाली भाषा में कर यहां उपस्थित जनसमुदाय की सराहना पायी और वहीं समापन पर कविता सुनाकर खूब तालियां भी बटोरीं। प्रधानमंत्री ने कविता की शुरूआती पंक्तियों में कहा, ‘‘जहां पवन बहे संकल्प लिए, जहां पर्वत गर्व सिखाते हैं, जहां ऊंचे-नीचे सब रस्ते भक्ति के सुर में गाते हैं, उस देवभूमि के ध्यान से ही मैं सदा धन्य हो जाता हूं, है भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा, मैं तुमको शीश नवाता हूं और धन्य-धन्य हो जाता हूं।’’ मोदी का उत्तराखंड प्रेम जगजाहिर है और अपने पिछले भाषणों में उन्होंने कई बार प्रदेश को अपनी कर्मभूमि भी बताया है। अपने जीवन के शुरूआती दौर में उन्होंने केदारनाथ में लंबे समय तक प्रवास किया और साधना भी की। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनावों के दौरान भी उन्होंने केदारनाथ जाकर वहां एक गुफा में बाबा केदार की साधना की थी।
शनिवार, 4 दिसंबर 2021
देहरादून में दिखा प्रधानमंत्री मोदी का कवि रूप
Tags
# उत्तराखंड
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें