ऑटो चालकों की पीड़ा असहनीय है, जिसे समझने के लिए संवेदनशीलता जरूरी है - शशांक भार्गव
1- प्रधानमंत्री महोदय के 20 लाख करोड़ के पैकेज से आटो चालकों के कागज बनवाने का खर्च उठाया जाए, जिस पर 12-15 हजार रुपए तक खर्च आ रहा है।
2- अब तक आटो चालकों पर की गई कार्रवाई को वापस लेकर उनके जप्त आटो मुचलके भरकर तत्काल छोड़े जाएं, जिससे वे अपनी जीविका चला सकें।
3- आटो चालकों को नगरपालिका क्षेत्र के लगभग 6 किलोमीटर का परमिट दिया जाता है, यह बीसियों साल पुरानी व्यवस्था है। चूंकि अब शहर आकार ले चुका हैं, यहां लगभग 12 किलोमीटर का वायपास है, इसीलिए आटो चालकों को अब 25 तक का किलोमाीटर का परमिट दिया जाना चाहिए।
4- शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए जरूरी है कि शहर में पर्याप्त आटो स्टैण्ड बनाए जाएं।
6- वर्तमान में 475 रु की राशि मे तीन माह का परमिट दिया जा रहा है जिसे इसी शुल्क पर एक वर्ष का परमिट दिया जाए।जिसके कारण ऑटो चालकों को फिटनेस के साथ परमिट लेने की समस्या नहीं होगी।
7- पीयूसी सर्टिफिकेट का सिर्फ एक ही सेंटर होने से 200 से 400 रु तक मनमाना शुल्क वसूला जाता है। हमारी मांग एक ओर सेंटर की परमीशन दी जाए एवं ऑटो के लिए 30 रु शुल्क निर्धारित किया जाए।
8- यह भी देखने में आया है किसी ऑटो के कागजात बनवाने में आरटीओ एजेंट द्वारा 13 से 15000 हजार का खर्च बताया जा रहा है वही कागजात सिंगल विंडो के माध्यम से 1500 से 2000 रु में बन जाते हैं।अतः ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि सभी ऑटो चालक सिंगल विंडो के माध्यम से अपने कागजात बनवा सकें।
9- परिवहन विभाग द्वारा ऑटो चालकों के लिए विशेष शिविर लगाकर न्यूनतम शुल्क पर उनके ड्रायविंग लायसेंस, परमिट,फिटनेस आदि दस्तावेज तैयार करवाए जाएं जिससे अशिक्षित ऑटो चालक आरटीओ एजेंटों की लूटपाट से बच सकें।
10- अगर किसी ऑटो द्वारा हल्का सामान का परिवहन किया जा रहा है तो यातायात पुलिस द्वारा चालानी कार्यवाही ना की जाए।
इस अवसर पर कांग्रेस नेता सुरेश मोतियानी, जितेंद्र तिवारी,अरुण अवस्थी,संयोग जैन,दशन सक्सेना,ऑटो यूनियन अध्यक्ष राधेचरण अहिरवार,शरीफ खान,सत्तार भाई,अभिराज शर्मा, अजहर खान,मनोज,टीटू जाटव,राहुल रघुवंशी, भूरा कुर्मी,सुमित पाल, सहित सैकड़ों की संख्या में ऑटो चालक उपस्थित रहे।
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